नई दिल्ली: चीनी सेना लद्दाख में फिंगर 4 क्षेत्र को भी खाली कर रही है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था। ऐसा होने के बाद भारत के साथ LAC पर लंबे समय से बनी हुई स्थिती अब बदल रही है। इस बीच भारतीय सेना ने तीन K9 वज्र तोपों को सीमा पर भेज दिया है। बता दें कि भारतीय सेना को उसकी 100वीं K9 वज्र तोप मिल गई है। जनरण एमएम नरवण ने सूरत में इसे हरी झंडी दिखाकर भारतीये सेना में शामिल किया। एलएंडटी कंपनी द्वारा भारतीय सेना को सौंपी गई इन तोपों का निर्माण भारत में ही किया गया है। इनमें से तीन तोपों को लद्दाख के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाके में ट्रायल के लिए तैनात किए गए हैं।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि तीन K9 वज्र तोपें कल लेह पहुंचीं और परीक्षण के लिए उच्च ऊंचाई वाले बेस पर पहुंचाई जा रही हैं। वहां यह देखा जाएगा कि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग दुश्मन के खिलाफ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है या नहीं। सूत्रों के अनुसार इन तोपों के प्रदर्शन के आधार पर, भारतीय सेना इनकी दो से तीन अतिरिक्त रेजिमेंटों के ऑर्डर पर विचार करेगी।
इन तोपों की खासियत यह है कि यह जीरो रेडियस में घूम सकती है यानि इसे घूमने के लिए जगह नहीं चाहिए। सेल्फ प्रोपेल्ड K9 वज्र तोपों की मारक क्षमता 28-38 किलोमीटर है। यह विस्फोट मोड में 30 सेकेंड में तीन राउंड गोलाबारी कर सकती है। इंटेंस मोड में तीन मिनट में 15 राउंड और सस्टेंड मोड में 60 मिनट में 60 राउंड गोलाबारी करने में समर्थ है।
इन तोपों को शामिल किए जाने से पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना की आग्नेयास्त्र की क्षमता को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। K9 वज्र तोपें हर मिनट एक राउंड फायर कर सकती है। K-9 Vajra-T एक ऐसी बख्तरबंद तोप है, जो पलक झपकते ही एक ठिकाने पर हमला करने के बाद दूसरी जगह पर अटैक कर सकती है।
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