India TV Exclusive: लद्दाख में कोर कमांडर लेवल की मीटिंग में भारत ने चीन से क्या कहा?
सोमवार को सहरद पर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर लेबल की बात हुई और इसमें भारत ने साफ कर दिया कि चीन को दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी।
नई दिल्ली: सोमवार को सहरद पर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर लेबल की बात हुई और इसमें भारत ने साफ कर दिया कि चीन को दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी। चीनी सैनिकों को पीछे जाना होगा तभी टेंशन कम हो सकता है। इससे कम पर कोई बात नहीं बनेगी। अब फैसला चीन को करना है। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कन्ट्रोल (LAC) पर कोर कमांडर लेबल की मीटिंग सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हो गई थी। भारत की तरफ से लैफ्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने भारत का पक्ष रखा। भारत की तरफ से चीन के अफसरों को साफ-साफ बता दिया गया कि पहली शर्त तो यही है कि चीन की फौज को उसी पोजीशन पर वापस जाना होगा, जहां वो 2 मई को थी। यह तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह चुके हैं कि न हमारे इलाके में कोई घुसा है और किसी ने हमारी एक इंच जमीन ली है।
चूंकि चीन की फौज उस इलाके में आ गई है जहां पेट्रोलिंग के लिए न हमारी फौज जाती है और चीन की। चूंकि चीन के सैनिक LAC पर हमारे इलाके के करीब आए हैं इसलिए झगड़ा हुआ। अब भारत ने साफ कर दिया कि चीन पहले वाली पेजोशिजन पर लौट जाए तो मामला खत्म हो जाएगा, वरना चीन जिस भाषा में समझेगा उसे उसी भाषा में समझाया जाएगा।
इस वक्त के हालात ये है कि पूरी गलवान घाटी में चीन के करीब 23 हज़ार जवान तैनात हैं। इस इलाके में चीन ने इन्फैंट्री कॉम्बैट वहींकल, आर्टिलरी गन, बुलडोज़र्स और दूसरी बड़ी गाड़ियों को तैनात किया है। चीन की सेना ने अलग-अलग जगहों पर टेंट लगा रखा है। भारत की फौज भी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। चूंकि चीन के धोखे का पता मई की शुरूआत में लगा, उसके बाद चीनी सौनिकों को लोकल लेबल पर समझाने की कोशिश की गई। इसके बाद 2 जून कौ लैफ्टीनेंट जनरल स्तर पर बात हुई, फिर 6 जून को मीटिंग हुई। इस मीटिंग में चीनी अफसरों ने पुरानी पोजीशन पर लौटने का वादा किया लेकिन जब चीनी सैनिक वापस नहीं गए तो फिर 10 जून,11 जून और फिर 15 जून को दो बार अफसरों की मीटिंग हुई। इसी दौरान चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर कायराना हमला किया। भारतीय सेना के बीस सैनिक शहीद हुए लेकिन जबावी एक्शन में 43 चाइनीज जवान भी मारे गए। इसके बाद 18 जून को चीन पिर बातचीत की टेबल पर आया।
सोमवार को फिर उसी जगह लैफ्टिनेंट जनरल लेवल की बात हुई, जहां पहले हुई थी। अब भारत चीन के वादे पर यकीन नहीं करेगा, लेकिन चीन के सैनिक जब पुरानी पोजीशन पर वापस लौट जाएंगे, तभी बातचीत को कामयाब माना जाएगा। हालांकि चीन को समझ आ गया है कि सरहद पर अब भारत का गुस्सा उसे मंहगा पड़ सकता है। क्योंकि, इस बार जो हुआ है..वो पहले कभी नहीं हुआ। हालत ये है कि चीन के न्यूजपेपर कह रहे हैं और सबूतों के साथ दावा कर रहे हैं कि भारत के सैनिकों ने चीन को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। चालीस से ज्यादा चीनी मारे गए लेकिन चीन की सरकार अब तक अपने सैनिकों की शहादत को कबूल करने में डर रहा है।