चीन की तीन किलोमीटर वाली साज़िश बेनकाब! भारत हर हरकत का जवाब देने के लिए तैयार
लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस तनाव को खत्म करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत की जा रही है।
नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस तनाव को खत्म करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत की जा रही है। इस बार की बातचीत में फिर से तीन किलोमीटर पीछे जाने की बात पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मतभेद हुआ। उम्मीद की जा रही है कि तनाव को खत्म करने के लिए एक बार फिर से कोर कमांडर लेवल की बातचीत जल्द होगी।
इंडिया TV को मिली जानकारी के मुताबिक़ चीन की तरफ़ से कहा गया कि दोनों देश तीन-तीन किलोमीटर पीछे की तरफ़ चली जाएं, इसका मतलब ये है की चीनी PLA भी तीन किलोमीटर पीछे जाएगी और भारतीय सेना इस समय जहां पर तैनात है उससे पीछे 3 किलोमीटर चली जाए। कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने इसको मानने से साफ़ तौर पर इंकार कर दिया।
दरअसल यह चीन की एक नई चाल है। सबसे पहले हम आपको साधारण शब्दों में चीन की इस बात का मतलब समझाते हैं और बताते हैं कि इस समय लद्दाख में अलग-अलग प्वाइंट पर इसका असर क्या होगा। इस समय चीन पेंगोंग सों में फिंगर 5 पर अपनी पूरी सैनिक जमावड़े के साथ बैठा हुआ है। चीन की पोज़ीशन फिंगर 5 से 350 मीटर आगे chang chenmo पहाड़ के ठीक ऊपर है।
यहां पर चीन ने चार बंकर और जेट टेंट अपने जवानों के लिए लगा रखे है। इस पोज़ीशन से फिंगर 8 की पोज़ीशन में क़रीबन चीनी सैनिक 1500-2000 की संख्या में है। भारतीय सेना यहां पर फिंगर चार पर है और चीन को कहीं से भी आगे नहीं आने दे रही लेकिन अगर भारत इसको मानता है तो भारतीय सेना सीधा finger 2 के भी पीछे हो जाएगी और चीन फिंगर छः पर चला जाएगा। इसका मतलब बिलकुल साफ़ है कि चीन स्टेटस को बदलना चाहता है। इसके लिए भारतीय सेना की चौदहवीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने साफ़ मना कर दिया।
इसी के आधार पर गलवान इलाक़े में भी अगर ये माना जाता है तो पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर भी चीन का दबदबा होगा और वो आसानी से लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के साथ चाइनीज़ कंट्रोल लाइन को भी बदल देगा। भारतीय सेना पूरी तरह चौकन्ना है, इसलिए भारत ने साफ़ तौर पर चीन की बात मानने से इंकार कर दिया इसीलिए दोनों सेनाएं अभी आमने सामने हर एक पॉइंट पर बनी हुई है।
कोर कमांडर लेवल की मीटिंग में 22 जून को मेजर जनरल लियो लेन ने कहा था कि इस समय चीनी सैनिक चाइनीज़ कंट्रोल लाइन से क़रीबन 800 मीटर पीछे हैं और अपनी जगह एसी केवल 100-150 मीटर ही आगे आए हैं इसका मतलब साफ़ है कि चीन पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर दबदबा बनाकर DSDBO रोड को भी प्रभावित करना चाहता है।
डेपसांग इलाक़े में चीन अपने सैनिकों के साथ बॉटलनेक इलाक़े के ठीक सामने डटा हुआ है। ये इलाक़ा दौलत बेग ओल्डी की एडवांसलैंडिंग ग्राउंड से 30 किलोमीटर साउथ ईस्ट की तरफ़ है और ये एक मील स्ट्रेटेजिक रोड भी है। चीन एक तरफ़ नए रोड और फ़ीडर रोड के साथ बृज के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने के लिए कह रहा है तो वहीं भारत में ये साफ़ कर दिया है कि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल में भारत के अंदर का इलाक़ा है इसलिए चीन इस पर चुप रहे और वो ही चीन ने पीछे हटने की यहां पर भी 3 किलोमीटर वाली शर्त रखी थी।
भारत इस समय चीन पर विश्वास बिलकुल भी नहीं कर रहा है और गलवान की घटना के बाद भारतीय सेना ने 832 किलोमीटर की लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर पूरी किले बंदी कर रखी है। चीन चुमार, डेमचॉक, गोगरा, डेपसांग, पैंगोंग सौ,गलवान, trig height, दौलत बेग ओल्डी, चुशुल ये सभी इलाक़े में दबाव बनाने की रणनीति के साथ खड़ा है और भारतीय सेना ने भी साफ़ कर दिया है कि चीन को एक इंच आगे नहीं आने देंगे और यहीं पर चीन की कोर कमांडर लेवल की मीटिंग में की जाने वाली 3 किलोमीटर वाली साज़िश नाकामयाब हो गई।
यही वजह है कि 22 जून के बाद आज एक बार फिर से कोर कमांडर लेवल ये बातचीत हो रही है। इंडिया TV को इस बात की जानकारी मिली है कि भारतीय सीमा में ना ही ब्रिज का निर्माण रुकेगा और न ही रोड का निर्माण, इसके अलावा चीन को एक इंच भी लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के अंदर आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। आज की मीटिंग में भी चाइना को एग्रीमेंट मैप और उन्हीं के दिए हुए कोआर्डिनेट दिखाए और बताए गए। जिसके मुताबिक़ बिलकुल साफ़ हो जाता है कि चीन मनमानी करना चाहता है और भारत उसे मनमानी नहीं करने देगा।