नई दिल्ली: हाफिज सईद पर पाकिस्तान की कार्रवाई पर भारत की पहली प्रतिक्रिया आई है। भारत सरकार ने कहा है कि हाफिज सईद के अलावा दूसरे आतंकियों पर भी पाकिस्तान को कार्रवाई करना चाहिए। भारत ने उम्मीद जताई है कि मुंबई हमले और पठानकोट हमले के दोषियों पर भी पाकिस्तान कार्रवाई करेगा। वहीं एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर भारत ने सवाल भी उठाए हैं।
भारत सरकार के सूत्र के मुताबिक, पाकिस्तान को यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव और एफएटीएफ की बैठक के वजह से उठाना पड़ा है। बता दें कि अदालत ने जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को 11 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
पाकिस्तान की नीयत पर शक जताते हुए सरकारी सूत्र ने कहा, 'फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक की पूर्व संध्या पर निर्णय किया गया है, जिस पर ध्यान दिया जाना है। इसलिए, इस निर्णय की प्रभावकारिता देखी जा सकती है।'
सूत्र के अनुसार, यह भी देखा जाना चाहिए कि क्या पाकिस्तान अपने नियंत्रण में आने वाले सभी आतंकवादी संगठनों और क्षेत्रों से काम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा? क्या मुंबई और पठानकोट में सीमा पार से हुए आतंकवादी हमलों के अपराधियों को न्याय दिलाएगा?
गौरतलब है कि आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को धन मुहैया कराने के मामलों की रोजाना सुनवाई करते हुए 11 दिसम्बर को सईद एवं उसके एक सहयोगी को दोषी करार दिया था।
अदालत ने बुधवार को दोनों मामलों में सईद को साढ़े पांच साल-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनायी और दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दोनों मामलों में सजा साथ साथ चलेंगी।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग के आवेदन पर सईद के खिलाफ लाहौर और गुजरांवाला शहर में मामला दर्ज किया गया था। सईद की पार्टी जमात उद-दावा के बारे में माना जाता है कि वह लश्कर-ए-तैयबा का सहायक संगठन है, जो मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी।
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