मेहुल चोकसी केस: डोमिनिका HC में भारत ने की पक्षकार बनाए जाने की अपील
भारत ने डोमिनिका उच्च न्यायालय का रुख कर भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के वकीलों द्वारा दाखिल मामले में पक्षकार बनाए जाने की अपील की है।
नई दिल्ली: भारत ने डोमिनिका उच्च न्यायालय का रुख कर भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के वकीलों द्वारा दाखिल मामले में पक्षकार बनाए जाने की अपील की है। उच्च न्यायालय ने पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद चोकसी की जमानत याचिका खारिज कर दी। सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। अधिकारियों ने यहां बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और विदेश मंत्रालय ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में दो हलफनामे दाखिल कर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पक्षकार बनाए जाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी चोकसी की आपराधिक जवाबदेही, भगोड़ा मामले की स्थिति, उसके खिलाफ लंबित वारंट, रेड नोटिस और चार्जशीट दायर करने पर ध्यान केंद्रित करेगी जबकि विदेश मंत्रालय यह तर्क देगा कि चोकसी की भारतीय नागरिकता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर हलफनामे को स्वीकार किया जाता है, तो प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे के डोमिनिका में भारतीय पक्ष की पैरवी करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
इससे पहले, शुक्रवार को डोमिनिका उच्च न्यायालय ने पड़ोसी एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बाद द्वीपीय देश में अवैध रूप से घुसने के मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी। चोकसी 2018 से एंटीगुआ और बारबुडा में नागरिक के तौर पर रह रहा है। समाचार संस्थान एंटीगुआ न्यूजरूम की खबर के अनुसार उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को (स्थानीय समयानुसार) अपने फैसले में कहा कि चोकसी के ‘‘भागने का खतरा’’ है।
चोकसी ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। गीतंजलि जेम्स और भारत में अन्य मशहूर हीरा आभूषण ब्रांडों का मालिक चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आने से कुछ सप्ताह पहले ही देश से फरार हो गया था। मामले में चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी की कथित संलिप्तता का खुलासा हुआ था।
चोकसी (62) के खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया था। वह 23 मई को रहस्यमय परिस्थिति में एंटीगुआ और बारबुडा से गायब हो गया। भारत से भागने के बाद यहां वह बतौर नागरिक 2018 से रह रहा था। उसे अपनी कथित प्रेमिका के साथ पड़ोसी द्वीपीय देश डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने के आरोप में हिरासत में लिया गया।
चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया कि एंटीगुआई और भारतीय जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने एंटीगुआ में जोली हार्बर से उसका अपहरण किया और नौका से डोमिनिका ले गये। बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन के आदेश पर चोकसी को अवैध प्रवेश के आरोपों का जवाब देने के लिए रोसियू मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया गया, जहां उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया। अदालत ने अपने आदेश में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया।