नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन दशक पहले आतंकवाद बढ़ने के बाद से स्वतंत्रता दिवस एवं ईद का जश्न इस साल ‘‘सबसे शांतिपूर्ण’’ रहा। उन्होंने कहा कि इससे पहले त्यौहारों में ‘‘रक्तपात’’ और ‘‘हिंसा’’ देखने को मिलती थी। सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को लेकर कुछ राजनीतिक दल एवं बुद्धिजीवी, भाजपा और उसकी सरकार की आलोचना करने के लिए वाजपेयी जी के नारे ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत’ का प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘ज्ञान फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जम्मू और लद्दाख के लोगों की ही तरह कश्मीर में भी आम लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को लेकर खुश हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता हूं कि 30 साल पहले जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ था, तब से स्वतंत्रता दिवस और ईद इस बार सबसे शांतिपूर्ण रहे।’’
राज्य से लोकसभा सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लागू प्रतिबंधों को वे लोग ‘‘बढ़ा-चढ़ा कर दिखा’’रहे हैं जो अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मात्र सात-आठ प्रतिशत मत हासिल करके अब तक केवल दो परिवार वैकल्पिक रूप से सत्ता में रहते थे लेकिन अब राज्य जल्द ही वास्तिवक लोकतंत्र देखेगा। सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद वाजपेयी के नारे को ‘‘तोड़-मरोड़कर’’ भाजपा और मोदी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वे कहते हैं, वाजपेयी जी होते तो ऐसा नहीं होता। वाजपेयी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे का कभी समर्थन नहीं किया।’’
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