इनकम टैक्स अधिकारी के बेटे की अगवा कर हत्या, दोस्तों ने मांगी थी 50 लाख की फिरौती
एक इनकम टैक्स अधिकारी को अगवा कर उसकी हत्या कर दिए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इनकम टैक्स अधिकारी निरंजन के बेटे शरद की अगवा कर उसकी हत्या करने वाला और कोई नहीं बल्कि उसके बचपन का दोस्त और पड़ोसी विशाल ही था।
बेंगलुरु: एक इनकम टैक्स अधिकारी को अगवा कर उसकी हत्या कर दिए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इनकम टैक्स अधिकारी निरंजन के बेटे शरद की अगवा कर उसकी हत्या करने वाला और कोई नहीं बल्कि उसके बचपन का दोस्त और पड़ोसी विशाल ही था। इस मामले में पुलिस ने विशाल सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वही पुलिस विशाल के एक और साथी शांतराज की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने आज सुबह बेंगलुरु के पास रामनगर जिले में बंद पड़ी पत्थर की खदान में एक गड्ढे से 19 साल के शरद के शव को बरामद कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक 12 सितम्बर शाम साढ़े 6 बजे विशाल और उसके दोस्तों ने शरद को इम्पोर्टेड बाइक दिखाने के नाम पर अपने साथ बुलाया। शरद को उसके माता-पिता ने नई बाइक लेकर दी थी और वो भी अपनी नई बाइक अपने दोस्त विशाल को दिखाना चाहता था। जैसे ही शरद ने विशाल को नई बाइक के बारे बताया विशाल ने उससे कहा कि वो भी उसे एक इम्पोर्टेड बेंटली बाइक दिखाना चाहता है और इसके बाद अपनी नई बाइक के साथ शरद बाइक लेकर घर से रवाना हो गया। रास्ते में वह विशाल से मिला। विशाल के 3 अन्य दोस्त कार में थे। विशाल ने शरद को कार में बैठा लिया और उसका दोस्त शरद की बाइक को लेकर उसके एक रिश्तेदार के घर छोड़ आया।
शरद के पिता को करीब साढ़े आठ बजे शरद की ओर से पहला व्हाट्सएप वीडियो आया और कुछ ही मिनट के बाद एक और वीडियो उसकी मां के पास आया कि शरद को किडनैप कर लिया गया है। अगर 50 लाख रुपये नहीं दिए गए तो अपहरणकर्ता उसका मर्डर कर देंगे।
व्हाट्सएप पर भेजे गए वीडियो को देखकर कहीं भी इस बात का अहसास नहीं होता कि शरद ने किसी दबाव में ये वीडियो भेजा था। घरवालों को भी लगा कि शरद खुद ही अपने किडनैप होने का नाटक कर रहा है इसीलिए पिता निरंजन ने फैसला किया कि वो इस बात की शिकायत ज्ञान भारती पुलिस स्टेशन में करेंगे और IT अधिकारी निरंजन ने रात सवा 10 बजे मामला दर्ज करवाया। जैसे ही विशाल को इस बात का अहसास हुआ मामला पुलिस तक चला गया है वो घबरा गया और मामला दर्ज होने से पहले ही उसने शरद की हत्या कर दी। विशाल को इस बात का अहसास हो गया कि जांच के दौरान पुलिस उस तक भी पहुंचेगी।
शरद की हत्या के बाद उसके शव को विशाल और उसके दोस्त कार में डालकर मैसूर रोड में चंद्रप्पा सर्कल के पास एक तालाब के पास लेकर गए और शव को पत्थर से बांध कर पानी में फेंक दिया। उसी रात विशाल वापस आया और शरद के परिवार के साथ मिलकर शरद को ढूंढ़ने लगा। 2 दिन बाद शव पानी के ऊपर आ गया, इससे आरोपी फिर डर गए, एक बार फिर उन्होंने शव को बड़े पत्थर से बांधकर पानी में फेंक दिया लेकिन 2 दिन बाद फिर शव फिर सतह पर आ गया। इसके बाद आरोपियों ने शव को 1 दिन तक कार के अंदर ही रखा और फिर अगले दिन पास के जिले रामनगर के मंचेंहल्ली के पास एक पत्थर की खदान में गाड़ दिया।
दअरसल पुलिस को एक फोन नंबर के चलते विशाल पर शक होने लगा, अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने शरद के नम्बर को ट्रैक करना शुरू किया तो कुछ जगह पर शरद का नम्बर नहीं मिल रहा था लेकिन उन सभी जगहों पर एक और नम्बर एक्टिव था ये नम्बर हर मोबाइल टॉवर पर दर्ज हुआ था जहाँ शरद का नम्बर था, जब पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि ये नम्बर विशाल का ही है।
इस सुराग के बाद जब विशाल से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारा सच उगल दिया, पुलिस ने मुख्य आरोपी विशाल के अलावा इस काम में उसका साथ देने वाले उसके दोस्तों विनय, करण और विनोद को कल देर रात गिरफ्तार कर लिया, उनके एक और साथी शान्तराज की तलाश की जा रही है।
व्हाट्सएप वीडियो का ट्रांसलेशन
मां प्लीज़ पुलिस कम्पलेंट मत करना, इनके पास बड़े बड़े हथियार हैं, ये लोग भी बहुत ही खूखार लग रहे हैं। पुलिस में गए तो हम सबको बहुत परेशानी हो जाएगी। ये लोग दीदी को भी फॉलो कर रहे हैं हम लोग हर दिन क्या करते हैं इनके पास पूरी डिटेल्स है। ये सब इन्होंने मुझे बताया है, प्लीज़ रुपयों का इंतजाम कीजिये, आज मैं इनका टारगेट बना हू, कल दीदी भी किडनैप हो सकती है। मेरे साथ ही इसे सॉल्व कर दीजिए। फैमिली को बचा लीजिये पैसों का इंतजाम जल्द कीजिये।