कोच्चि: रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की। हालांकि, उन्होंने एक ‘अनुकूल माहौल’ मिलने की शर्त पर ऐसा करने की बात कही।
कन्नूर जिले की रेशमा निशांत, अनिला और कोल्लम जिले की धन्या ने बताया कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की 28 सितंबर को उच्चतम न्यायालय की अनुमति की पृष्ठभूमि में वे मंदिर जाने के लिए ‘वृथम’ (सबरीमाला जाने के लिए जरूरी तपस्या और संयम) बरत रही थी।
हालांकि, उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में जारी स्थिति के कारण उन्होंने यात्रा रोक दी। महिलाओं ने प्रण लिया कि वे अपनी ‘धार्मिक माला’ मंदिर में पूजा के बाद ही उतारेंगी। तीर्थयात्रा से पूर्व भौतिकी प्रलोभनों को त्यागने के लिए तीर्थयात्री ‘‘तुलसी या रूद्राक्ष ’’के मोतियों की माला पहनते हैं।
युवतियों ने कहा कि वे सबरीमाला जाने की अपनी इच्छा के कारण राज्य में कोई बुरी स्थिति पैदा नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम मंदिर जाने का प्रयास तभी करेंगे जब मंदिर में हमारे प्रवेश के लिए राज्य में माहौल अनुकूल होगा।’’
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