नई दिल्ली: चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस में ही फूट पड़ गई हैं। सलमान खुर्शीद ने महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी ही पार्टी के फैसले का विरोध किया है। सलमान खुर्शीद ने कहा कि वे इस फैसले में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'कोर्ट के किसी फैसले के खिलाफ असहमति के आधार पर महाभियोग बहुत गंभीर बात है...इस पर अलग-अलग पार्टियों के बीच जो चर्चा हुई है, मैं उसका हिस्सा नहीं हूं।'
कांग्रेस के नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा है कि वो महाभियोग प्रस्ताव के हक में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनसे पूछा जाता, तो वो महाभियोग प्रस्ताव का विरोध करते। अश्विनी कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस तरह संसद और न्यायपालिका में टकराव नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस को लेकर चार जजों ने तीन महीने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो सवाल उठाए, वो अपनी जगह हैं, लेकिन उन तमाम मुद्दों का समाधान महाभियोग नहीं हो सकता है। अश्विनी कुमार ने कहा कि अगर महाभियोग प्रस्ताव ना रखा जाता, तो बेहतर होता।
जहां सलमान खुर्शीद ने पार्टी की इस मुहिम से दूरी बना ली है, वहीं प्रस्ताव पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम के दस्तखत नहीं है। इसके अलावा आरजेडी और टीएमसी ने भी कांग्रेस को झटका दे दिया है। मीटिंग में दोनों पार्टी के नेता शामिल नहीं हुए। वहीं बीजेपी इसे जज लोया केस में हार से निराश कांग्रेस की बदले की कार्रवाई बता रही हैं।
दरअसल कल जज लोया की मौत की नए सिरे से जांच कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया था। फैसला देने वालों में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी शामिल थे। जज लोया पर फैसले के अगले दिन कांग्रेस नेता चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दे दिया। इसीलिए बीजपी इसे बदले का महाभियोग करार दे रही है।
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