नई दिल्ली. देश के उत्तरी इलाकों में सोमवार को भी भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहा। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 10 जुलाई तक दिल्ली सहित उत्तर भारत के शेष हिस्सों में पहुंच सकता है। पिछले 15 वर्षों के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी देर से पहुंच रहा हो। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली में मंगलवार को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने तथा अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 41 और 29 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इसके अलावा, हरियाणा और पंजाब में भीषण गर्मी का कहर जारी रहा। गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से चार डिग्री अधिक है। अगले दो-तीन दिनों में इस क्षेत्र में तापमान के और अधिक बढ़ने की आशंका है।
गुरुग्राम हरियाणा का सबसे गर्म इलाका रहा। मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा के हिसार में अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि नारनौल और भिवानी में अधिकतम तापमान क्रमश: 41 डिग्री और 38.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, पंजाब के बठिंडा में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से तीन डिग्री अधिक है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोई खास बारिश होने की संभावना नहीं है, केवल हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में आठ जुलाई से मानसून के जोर पकड़ने की उम्मीद है और आठ से 10 जुलाई के बीच कुछ इलाकों में मध्यम बारिश हो सकती है।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में 13 जून को ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी थी, लेकिन उसके बाद पिछले एक पखवाड़े के दौरान चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में ज्यादातर सूखा ही रहा है। मौसम विभाग ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आस-पास आगे बढ़ने की संभावना है। इससे 10 जुलाई से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।"
IMD के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि इससे पहले दिल्ली में 2012 में मानसून सात जुलाई को पहुंचा था जबकि 2006 में मानसून ने नौ जुलाई को राजधानी में दस्तक दी थी। केरल में दो दिन की देरी से पहुंचने के बाद मानसून देश के पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों में 10 दिन पहले ही पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद इसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं। मानसून कमजोर होकर रुक रुककर आगे बढने लगा।
मौसम विभाग ने इससे पहले कहा था कि राजधानी में मानसून अपने तय समय से 12 दिन पहले ही 15 जून को दस्तक दे देगा। एक जून को मानसूनी सीजन शुरू होने के बाद से अब तक दिल्ली में 43.6 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य यानि 75.7 मिमी से 42 प्रतिशत कम है। मध्य दिल्ली में सामान्य से 89 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जम्मू-कश्मीर के किश्वताड़ के बाद सबसे कम बारिश वाला यह भारत का दूसरा जिला है।
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