पटना: उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार सरकार ने भी अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से बात करते हुए इस बात के संकेत दिए हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस ने बताया कि उन्होंने विभाग के सचिव से हफ्ते भर के अंदर राज्य में चल रहे सभी बूचड़खानों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इनमें लाइसेंस वाले और अवैध बूचड़खानों को शामिल किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरे बिहार में सिर्फ दो बूचड़खाने ही वैध हैं। इनमें से एक बूचड़खाना अररिया जिले में जबकि दूसरा फारबिसगंज में है। इन्हीं 2 बूचड़खानों को राज्य सरकार की तरफ से लाइसेंस दिया गया है। गौरतलब है कि अवैध बूचड़खानों में सबसे ज्यादा सीमांचल इलाके में हैं। वहीं पटना में भी दो दर्जन से ज्यादा अवैध बूचड़खाने होने की बात कही जा रही है। आपको बता दें कि बूचड़खानों के लिए लाइसेंस स्थानीय नगर निगम द्वारा जारी किया जाता है।
पशुपति कुमार पारस से पहले पशुपालन मंत्री रहे अवधेश कुमार सिंह ने भी मार्च में अवैध बूचड़खानों पर रिपोर्ट मंगवाई थी। हाल ही में भोजपुर जिले के रानीसागर में अवैध बूचड़खाने को बंद करके 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद बिहार सरकार ने यह कदम उठाया है। बिहार से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई ऐसे बूचड़खानों पर ताला लगवा दिया था।
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