मथुरा। दिल्ली के नजदीक मधुरा में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोसीकलां कस्बे में छापेमारी कर वहां अवैध रूप से रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों और उन्हें शरण देने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उन्हें शरण देने में मदद करने वाले दूसरे व्यक्ति की तलाश है। मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने मंगलवार को बताया कि स्थानीय अभिसूचना इकाई को कोसीकलां की ईदगाह के पास वाल्मीकि बस्ती की कुछ झुग्गियों में अनजान लोगों के रहने की सूचना मिली। इस संबंध में पुलिस ने छापा मार कर वहां अवैध रूप से रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों और उन्हें शरण देने के आरोप में एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अवैध बांग्लादेशियों की पहचान... मोहम्मद बकर (32), माहउर (33) और उसकी पत्नी रिहाना (33), माहबुर (26) और उसकी पत्नी रितु (23), लिट्टन (30), मोसियाली (24) और उसकी पत्नी सिरीना (22), किविरिया (39) और उसका बेटा यूसुफ (19), मन्नन (36), मौहम्मद फारुख (48) और उसकी पत्नी सपना (38), पुत्र यासीन (18), यासीन की पत्नी राबिया (21), मीनू (50) के तौर पर हुई है। वहीं कोसीकलां में उन्हें शरण देने वाले स्थानीय नागरिक की पहचान इलियास (62) के तौर पर हुई है।
उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान इन लोगों के पास से सात मोबाइल फोन, फर्जी तरीके से बनवाए गए आठ आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक ड्राईविंग लाइसेंस और अन्य चीजें मिली हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को इन बांग्लादेशियों को शरण देने के मामले में जगदीश नामक व्यक्ति की भी तलाश है। कुमार ने बताया, गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों का कहना है कि सीमा पार कराने के लिए वकार और मीनू नामक व्यक्तियों ने उनसे प्रति-व्यक्ति आठ हजार रुपये लिए थे।
वहीं कोसीकलां में इलियास उन्हें अपनी जमीन में झुग्गी डालकर रहने देने के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपये की राशि लेता था। पुलिस ने इस सभी के खिलाफ संबंधित कानून की धाराओं में मामला दर्ज कर इन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
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