संगीतकार इलैयाराजा, गुलाम मुस्तफा खान समेत 3 शख्सियतों को 'पद्म विभूषण' पुरस्कार से नवाजा गया
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सहकर्मी तथा अन्य गणमान्य लोग राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में शरीक हुए...
नई दिल्ली: मशहूर संगीतकार इलैयाराजा, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक गुलाम मुस्तफा खान, हिंदुत्व विचारक पी. परमेश्वरन, केरल के बिशप फिलीपोज एम क्रिसोस्तोम और 39 अन्य शख्सियतों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 के पद्म पुरस्कारों से आज यहां सम्मानित किया।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सहकर्मी तथा अन्य गणमान्य लोग राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में शरीक हुए। समाज के गुमनाम नायकों को सम्मानित करने के अपने वादे को लेकर सरकार ने इस साल ऐसी कई शख्सियतों को पद्म पुरस्कार से नवाजा है जिन्होंने गरीबों की सेवा की, मुफ्त शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल खोले और आदिवासी कला को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया।
इलयाराजा, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के प्रमुख परमेश्वरन और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक गुलाम मुस्तफा खान को पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया। बिशप क्रिसोस्तोम, इतिहासकार एवं पुरातत्व विज्ञानी रामचंद्रन नागास्वामी, कानूनी विद्वान वेद प्रकाश नंदा और सितार वादक पंडित अरविंद पारिख को पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया।
जिन 37 शख्सियतों को पद्म श्री पुरस्कार दिया गया उनमें आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके अरविंद गुप्ता, स्मरण से 500 हर्बल औषधि बनाने वाली एवं खासतौर पर हजारों लोगों को सर्पदंश और कीटों के डंक के मामलों में मदद करने वाली केरल की आदिवासी महिला लक्षमीकुट्टी शामिल हैं। वहीं, गुप्ता ने कई पीढ़ियों के छात्रों को विज्ञान सीखने में मदद की।
पद्म श्री से नवाजे गए अन्य लोगों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोरने वाले गोंड कलाकार भज्जू श्याम, भारतीय टेनिस खिलाड़ी सोमदेव किशोर देववर्मन और गरीबों के लिए अस्पताल बनाने के वास्ते पश्चिम बंगाल में 20 साल तक घरेलू सहायिका एवं दिहाड़ी मजदूर का काम करने वाली एक गरीब महिला सुभाषिनी मिस्त्री शामिल हैं।
मध्य प्रदेश की आदिवासी कला शैली गोंड पेंटिंग से यूरोप का चित्रण करने को लेकर श्याम जाने जाते हैं। वयस्कों के लिए 16 पुस्तक लिखने वाले और बच्चों के लिए 17 एडवेंचर उपन्यास लिखने वाले असम के अरूप कुमार दत्ता, भारत में प्लास्टिक सड़क निर्माता के रूप में जाने जाने वाले तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन और प्रख्यात कश्मीरी थियेटर कलाकार प्राण किशोर कौल को भी पद्म श्री से नवाजा गया।
राजगोपालन ने सड़क बनाने के लिए प्लास्टिक के दोबारा उपयोग की एक नवोन्मेषी पद्धति ईजाद की। वहीं, कौल लोकप्रिय टीवी धारावाहिक गुल गुलशन गुलफाम के अपने स्क्रीन प्ले को लेकर चर्चित रहे हैं। कृषि मजदूर सुलगत्ती नरसम्मा को भी पद्म श्री से नवाजा गया है। उन्होंने कर्नाटक के पिछड़े इलाकों में बगैर किसी मेडिकल सुविधा के दाई की सेवाएं मुहैया की।
इस साल करीब 84 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसमें एक दोहरा मामला है जिसमें पुरस्कार एक ही गिना जाता है। सूची में तीन पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 72 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है। ये पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, औषधि, समाज कार्य, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, लोक मामले, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में दिए जाते हैं।
2018 के पद्म पुरस्कारों के लिए चुने गए शेष लोगों को दो अप्रैल को होने वाले एक अन्य विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।