जब तक कोरोना है तब तक आतंकियों के शव परिजनों को नहीं सौंपे जाएंगे: आईजी कश्मीर
एन्काउंटर में मारे गए आतंकवादी या आम नागरिक का शव उनके परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा।
जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षाबलों ने हिजबुल के टॉप कमांडर रियाज़ नाइकू को ढेर कर आतंकवाद की एक अहम कड़ी को तोड़ दिया है। लेकिन घाटी के हालात और कोरोना संकट को देखते हुए सेना किसी भी प्रकार की कोताही बरतने को तैयार नहीं है। सेना ने साफ कर दिया है कि कोरोना संकट के दौर में रियाज नाइकू ही नहीं बल्कि किसी भी एन्काउंटर में मारे गए आतंकवादी या आम नागरिक का शव उनके परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा।
जम्मू कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि रियाज नाइकू घाटी में काफी प्रभावशाली कमांडर था। ऐसे में उसकी मौत कश्मीर घाटी में नए आतंकियों की भर्ती पर असर डालेगी। विजय कुमार ने बताया कि इस साल आतंकियों के सफाए में सुरक्षाबलों को खासी कामयाबी मिली है। इस साल की शुरुआत से पहले चार महीने में सेना ने आतंकियों के खिलाफ 27 आपरेशनों को अंजाम दिया है। जिसमें 64 आतंकियों को ढेर करने में सफलता मिली है।
आईजी ने बताया कि इस साल मारे गए आतंकियों में से 3 आतंकी कमांडर भी शामिल हैं। रियाज नाइकू के अलावा लश्कर ए तैयबा का कारी यासिर, अंसार गजावतुल का बुरहान काका और हिजबुल मुजाहिद्दीन का रियाज नाइकू शामिल है। उन्होंने बताया कि इस साल अभी तक 25 आतंकियों को गिरफ्तार भी किया है। इनसे भारी मात्रा में असलहे और गालीबारूद भी बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि कल हुई कार्रवाई में 4 आतंकी मारे गए हैं, जिसमें हिजबुल के दो कश्मीरी कमांडर और दो लश्कर ए तैयबा के शामिल हैं। पिछले साल सेना ने उत्तरी कश्मीर में 35 आतंकियों को ढेर किया था। वहीं इस साल अभी तक 9 आतंकी ढेर हो चुके हैं।