महात्मा गांधी जीवित होते, तो अनुच्छेद 370 पर कश्मीर यात्रा की घोषणा कर देते: दिग्विजय
दिग्विजय ने कहा कि जिस दिन संसद में अनुच्छेद 370 हटाया गया, उस दिन अगर महात्मा गांधी जिंदा होते, तो वह उसी दिन दिल्ली के लाल किले से श्रीनगर के लाल चौक की अपनी यात्रा की घोषणा कर देते।
इंदौर। जम्मू-कश्मीर को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि अगर महात्मा गांधी जीवित होते तो राज्य से विशेष दर्जा वापस लिये जाने के दिन ही दिल्ली से श्रीनगर तक यात्रा की घोषणा कर देते।
दिग्विजय ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "जिस दिन संसद में (जम्मू-कश्मीर से जुड़ा) अनुच्छेद 370 हटाया गया, उस दिन अगर महात्मा गांधी जिंदा होते, तो वह उसी दिन दिल्ली के लाल किले से श्रीनगर के लाल चौक की अपनी यात्रा की घोषणा कर देते।"
72 वर्षीय राज्यसभा सदस्य ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी हमेशा कहते थे कि कश्मीर समस्या का हल जम्हूरियत (लोकतंत्र), कश्मीरियत और इंसानियत से मिल सकता है। लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इन तीनों सिद्धांतों को विदा देकर अटलजी की इस विचारधारा को समाप्त कर दिया।"
दिग्विजय ने पाकिस्तान में बहुसंख्यकों के अतिवाद से हालात बिगड़ने का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिमों के चरमपंथीकरण की तरह हिंदुओं को भी चरमपंथी विचारधारा की ओर धकेलना खतरनाक है। उन्होंने कहा, "आपने (संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का हालिया भाषण सुना होगा जिसमें वह इस्लामोफोबिया और इस्लामी चरमपंथ की बात कर रहे थे। इसके विरोध में "रेडिकलाइजेशन ऑफ द हिंदूज" (हिंदुओं का चरमपंथीकरण) की बात की जा रही है और "रेडिकलाइजेशन ऑफ द हिंदूज" भी उतना ही खतरनाक है, जितना खतरनाक "रेडिकलाइजेशन ऑफ द मुस्लिम्स (मुस्लिमों का चरमपंथीकरण) है।"
दिग्विजय ने कहा, "पाकिस्तान में बहुसंख्यकों का सांप्रदायिकरण हुआ है और वहां के हालात आप देख ही रहे हैं। इसी तरह अगर भारत में बहुसंख्यकों का सांप्रदायिकरण होगा, तो इसके दुष्परिणामों से हमारे देश को बचाना आसान नहीं होगा।"
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से भाजपा की देश भर में शुरू हुई "गांधी संकल्प पदयात्रा" के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "मैं तो इस बात को भी अजीब मानता हूं कि जिस विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की, उसी विचारधारा के लोग आज अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दे रहे हैं कि वे एक महीने तक हर ग्राम पंचायत तक पदयात्रा करें।"
उन्होंने तंज किया, "मैं जानना चाहता हूं कि इस पदयात्रा के दौरान जनता के सामने गांधी दर्शन रखा जायेगा अथवा गोड़से दर्शन या गोलवलकर दर्शन को प्रदर्शित किया जायेगा।"
कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दिग्विजय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "फादर ऑफ इंडिया" (भारत के पिता) कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा, "अगर मोदी के मन में महात्मा गांधी के लिये थोड़ी भी इज्जत होती, तो वह तत्काल कह देते कि वह ट्रम्प की दी गयी इस उपाधि (फादर ऑफ इंडिया) को स्वीकार नहीं करते।’’ उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री को कहना चाहिये था कि महात्मा गांधी ही हमारे देश के राष्ट्रपिता रहेंगे। लेकिन मुझे दु:ख है कि उन्होंने ‘फादर ऑफ इंडिया’ की उपाधि को लेकर ट्रम्प की बात का विरोध नहीं किया।"