नयी दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से बचाव के कई स्तर वाले उपायों को अपनाते हुए स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं से शुरू करते हुए उन्हें चरणबद्ध तरीके से पुनः खोला जाना चाहिए। द इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक विचार आलेख में विशेषज्ञों ने यूनेस्को की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत में 500 दिन से ज्यादा समय से स्कूल बंद रहने से 32 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।
उक्त आलेख में स्कूलों को खोलने के मुद्दे पर भारत और विदेश से प्राप्त वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर विशेषज्ञों ने कहा है कि स्कूलों में संक्रमण की जांच करने से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। तनु आनंद, बलराम भार्गव और समीरन पांडा के अनुसार साक्ष्य इस बात की ओर इंगित करते हैं कोविड पूर्व काल की तरह ही शिक्षा प्रणाली के कामकाज को यथाशीघ्र बहाल करना वर्तमान भारतीय परिप्रेक्ष्य में बुद्धिमत्तापूर्ण प्रतीत होते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार स्कूली अध्यापक, कर्मचारी और बच्चों को लाने-ले जाने में शामिल लोगों का टीकाकरण होना चाहिए और उन्हें टीके की खुरा मिल जाने के बाद भी मास्क का उपयोग करना चाहिए। वहीं, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के एक नए स्टडी में पाया गया है कि जिन स्कूलों ने यूनिवर्सल मास्किंग प्रोटोकॉल को लागू नहीं किया है, उनमें कोविड-19 के प्रकोप को सहने की संभावना 3.5 गुना अधिक है।
शनिवार 25 सितंबर को पब्लिश इस स्टडी को करने वाले अधिकारियों ने कम से कम दो एरिजोना काउंटियों, जिनका नाम मैरिकोपा और पिमा है, के डेटा का विश्लेषण किया। बता दें, दोनों जुलाई से 2021-22 शैक्षणिक वर्ष के लिए व्यक्तिगत तौर पर क्लास में उपस्थित हुए थे।
सीडीसी ने कहा, “स्कूलों के लिए कोरोना को फैलने से रोकने की रणनीति में यूनिवर्सल मास्किंग एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट है, और यह स्टडी प्रदर्शित करता है कि जब बड़ी रणनीति के हिस्से के रूप में यदि फेस मास्क का उपयोग किया जाता है, तो यह कोविड-19 के प्रसार को कम कर सकते हैं और स्कूलों में इसके प्रकोप को रोका जा सकता है।”
सीडीसी ने इस बात पर फोकस किया कि यूनिवर्सल मास्किंग नीतियों का समुदायों पर प्रभाव हो सकता है। सीडीसी ने यह भी पाया कि इस वर्ष में अब तक अनुमानित 1,801 स्कूल बंद होने के बावजूद, 96 प्रतिशत पब्लिक स्कूल पूरे तरीके से ऑफलाइन लर्निंग के लिए खुले रहे है।
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