भारतीय वायुसेना का AN-32 विमान लापता, विमान में सवार थे 8 क्रू मेंबर और 5 यात्री, वायुसेना ने कहा- कोई मलबा नहीं दिखा
भारतीय वायुसेना का एक AN-32 विमान लापता हो गया है। इस विमान में 8 क्रू और 5 यात्री सवार थे।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का एक AN-32 विमान लापता हो गया है। इस विमान में 8 क्रू मेंबर और 5 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि इस विमान ने असम के जोरहाट से 12.25 बजे अरुणाचल प्रदेश के मेचुका के लिए उड़ान भरी थी और आखिरी बार 13.00 बजे इससे संपर्क हुआ था। जोरहाट से मेचुका की हवाई दूरी करीब 208 किलोमीटर है, जिसे पूरा करने में मिनट लगते हैं।
विमान के एयरफिल्ड पर न पहुंचने पर वायुसेना ने जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है। लापता विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना ने दो एमआई -17 हेलिकॉप्टर के अलावा सी -130 जे और एएन -32 विमान लगाया है जबकि थल सेना ने अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर (एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर) तैनात किए हैं। वायुसेना ने कहा , " जमीन और हवा में तलाश अभियान के रातभर जारी रहने की योजना है। "
वायुसेना ने बयान में कहा , " दुर्घटना स्थल के संभावित स्थान को लेकर कुछ सूचनाएं मिली है। हेलिकॉप्टरों को उस जगह पर भेजा गया था। हालांकि , अभी तक कोई भी मलबा नहीं देखा गया है। " विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। लापाता विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना भारतीय थलसेना के साथ - साथ विभिन्न सरकारी एजेंसियों की मदद ले रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में वायुसेना के उपप्रमुख से बात की है और वे इन यात्रियों के सुरक्षित रहने की कामना करते हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा , ‘‘ कुछ समय से लापता वायु सेना के एएन -32 विमान के संबंध में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बातचीत की। उन्होंने मुझे वायुसेना के इस लापता विमान को लेकर उठाये गए कदमों की जानकारी दी। मैं इसमें सवार सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिये प्रार्थना करता हूं। ’’
चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ चार दिवसीय यात्रा पर स्वीडन गए हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना ने सभी उपलब्ध संसाधन काम में लगा दिए हैं। एएन -32 रूस निर्मित वायुयान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इन विमानों का इस्तेमाल करती है। यह दो इंजन वाला ट्रर्बोप्रॉप परिवहन विमान है। अधिकारियों ने कहा कि मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। यह करीब 35 किलोमीटर दूर है।