भारतीय वायुसेना को आज और मजबूती मिल गई हैैै। अमेरिकी हेलीकॉप्टर शिनूक आज वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। आज चंडीगढ़ में एयर फोर्स चीफ बीएस धनोआ की मौजूदगी में चार शिनूक हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल हुए। इस मौके पर धनोआ ने कहा कि इन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल पूर्वी सीमा पर भी किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर राफेल की तरह भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगे।
इन मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर शिनूक को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है। यह भीमकाय हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैन्य मदद या रसद पहुंचाने में बेहद कारगर है। दुनिया के 19 अन्य देश भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में यह हेलीकॉप्टर काफी कारगर हो सकता है। यह हेलीकॉप्टर करीब 11 हजार किलो तक के हथियार और सैनिकों को आसानी से उठाने में सक्षम है। यह हेलीकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है। यह दुनिया के 19 देशों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
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भारत ने ऐसे 15 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए सौदा किया है। चिनूक हेलिकॉप्टर को अमेरिकी वायुसेना 1962 से ही इस्तेमाल कर रही है। कंपनी ने अब तक कुल 1179 चिनूक हेलिकॉप्टर बनाए हैं।
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