.....तो कारगिल युद्ध में मारे जाते परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना के एक जगुआर ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सेना के एक ठिकाने पर लेजर गाइडेड सिस्टम से बमबारी करने लिए टारगेट को सेट करना था। इसके पीछे आ रहे दूसरे जगुआर को बमबारी करनी थी।
नई दिल्ली: कारगिल युद्ध को लेकर 18 साल बाद एक नया और बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार यदि भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान का निशाना सही लगता, तो इस युद्ध के जनक परवेज मुशर्रफ और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दोनों मौत की नींद सो जाते। लेकिन ये दोनों हमले में बाल-बाल बच गए। भारत सरकार के एक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है। दस्तावेज के मुताबिक कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना के जगुआर का निशाना चूक गया, नहीं तो नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ तभी मारे गए होते। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना के एक जगुआर ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सेना के एक ठिकाने पर लेजर गाइडेड सिस्टम से बमबारी करने लिए टारगेट को सेट करना था। इसके पीछे आ रहे दूसरे जगुआर को बमबारी करनी थी। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
जगुआर एसीएलडीएस ने प्वाइंट 4388 पर निशाना साधा, पायलट ने एलओसी के पार गुलटेरी को लेजर बॉस्केट में चिह्नित किया, लेकिन बम “लेजर बॉस्केट” से बाहर गिरा दिया, जिससे पाकिस्तानी ठिकाना बच गया। खबर के मुताबिक, अगर निशाना सही होता, तो उसमें पाकिस्तान के पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ और मौजूदा पीएम नवाज शरीफ भी मारे जा सकते थे। हालांकि वायुसेना को उस समय यह नहीं पता था कि यह दोनों वहां मौजूद हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अहम खुलासे में कहा गया है कि अगर एयर कमाडोर की ओर से जगुआर के पायलट को बम न गिराने का निर्देश जारी नहीं किया जाता तो बम उसी बेस पर गिरा दिया गया होता जिसमें नवाज़ और मुशर्रफ मौजूद थे। अखबार ने ये खुलासा एक आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से किया है। जिसमें बोल्ड टाइप में लिखा है, 'उस दौरान बम न गिराने के बाद जांच में ये सुनिश्चित हुआ कि जब जगुआर ने गुलटेरी मिलिट्री बेस पर टारगेट सेट कर लिया था तब वहां पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ मौजूद थे।
बता दें कि कारगिल युद्ध के समय गुलटेरी पाक सेना का अग्रिम सैन्य ठिकाना था, जहां से सैन्य साजो-सामान पहुंचाया जा रहा था। गुलटेरी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी से नौ किलोमीटर अंदर है, जो भारत के द्रास सेक्टर के दूसरी तरफ स्थित है। पाकिस्तान मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक 24 जून को नवाज शरीफ परवेज मुशर्रफ के साथ इस सैन्य ठिकाने पर गए थे।
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