भारत दुनिया भर के देशों के लिए एक बड़ा मददगार बनकर सामने आया है। भारत दुनिया के विभिन्न देशों को मदद प्रदान करा रहा है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में भारतीय वायुसेना सिर्फ भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के लिए भी देवदूत बनकर सामने आई है। भारतीय वायुसेना न सिर्फ भारत में बल्कि दूसरे देशों को भी दवा, राहत सामिग्री, कोरोना से बचाव के उपकरण और डॉक्टरी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
पिछले दिनों खाड़ी के देश कुवैत ने जब भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई तो एयरफोर्स ने तत्परता दिखाते हुए 11 अप्रैल को आर्म फोर्सेस फेडिकल सर्विस (एएफएमएस) के 15 डॉक्टरों को टीम को कुवैत पहुंचाया। यह टीम अपना काम पूरा कर 25 अप्रैल को एयरफोर्स के सी—130 विमान से वापस भारत आ गई है। वापसी के दौरान एयरफोर्स कैंसर से पीड़ित एक 6 साल की बच्ची को भी अपने साथ लाई है। यह बच्ची अपने पिता के साथ भारत आई है। इसे कैंसर के इलाज के लिए आवश्यक रूप से सर्जरी की आवश्यकता थी।
देश के सुदूर क्षेत्रों में 600 टन मदद पहुंचा चुकी है एयरफोर्स
भारतीय वायुसेना सिर्फ कोरोना संकट के दौर में भारत के सुदूर क्षेत्रों में बसे लोगों के लिए भी संकटमोचन का काम कर रही है। एयरफोर्स दवाओं और राशन के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को भी एक स्थान से दूसरी जगह पहुंचा रही है। 25 अप्रैल को वायुसेना का एक ट्रांसपोर्ट विमान मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे पर 22 टन मेडिकल सप्लाई के साथ उतरा। यह सप्लाई मिजोरम और मेघालय राज्यों के लिए थी। अभी तक एयरफोर्स 600 टन मेडिकल सामान और राहत सामिग्री देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचा चुकी है।
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