नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि वो मुझे नहीं लगता कि गांधी राष्ट्रपिता हैं। भारत जैसे देश का एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता, हजारों ऐसे हैं जिन्हें भुला दिया गया है। बता दें कि ओवैसी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी जल्द ही विनायक दामोदर सावरकर को राष्टपिता घोषित करेगी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी के अनुरोध पर सावरकर ने अंग्रेजों को दया याचिकाएं लिखी थी।
रंजीत सावरकर ने ट्वीट किया, "....मुझे नहीं लगता कि गांधी राष्ट्रपिता हैं। भारत जैसे देश का एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता, हजारों ऐसे हैं जिन्हें भुला दिया गया है.....।" उन्होंने यह भी कहा है कि यह उनके दादा ने माफीनामा नहीं लिखा था बल्कि जेल में बंद सभी क्रांतिकारियों की रिहाई के लिए यह एक दया याचिका थी।
ओवैसी ने कहा था, "वे (बीजेपी) विकृत इतिहास पेश कर रहे हैं। अगर यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी की जगह सावरकर को दे देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था।" इससे पहले मंगलवार को रक्षा मंत्री ने कहा था कि महात्मा गांधी के अनुरोध पर ही सावरकर ने अंग्रेजों को दया याचिकाएं लिखी थीं। वह 'Veer Savarkar: The Man Who Could Have Prevented Partition' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा, "सावरकर के बारे में झूठ फैलाया गया था। बार-बार, यह कहा गया कि उन्होंने जेल से रिहा होने की मांग करते हुए ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दायर की थी। महात्मा गांधी ने उनसे दया याचिका दायर करने के लिए कहा था।"
वहीं, सावरकर के पोते रंजीत का दावा है कि उनके पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं जिससे यह बात साबित होती है कि गांधी जी ने याचिका लिखने के बारे में सावरकर को सलाह दी थी। राजनाथ सिंह के बयान के बाद तेज हुई राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनाथ सिंह के भाषण में बोले गए शब्दों को दूसरे तरह से समझा जा रहा है।
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