बिहार: केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को भेजा गया 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
अरिजीत शाश्वत के खिलाफ पिछले हफ्ते से गिरफ्तारी वारंट जारी है। गिरफ्तारी ना हो पाने के चलते नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के निशाने पर थे।
भागलपुर: बिहार के भागलपुर शहर में हिंसा भड़काने के आरोपी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत ने शनिवार को पटना में आखिरकार सरेंडर कर दिया। भाजपा नेता शाश्वत की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी जो उनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रयास कर रही थी। अरिजित पर भागलपुर में भड़काउ बयान देने का आरोप है जिसके बाद हिंसा भड़की थी। रामनवमी के दौरान एक धार्मिक जुलूस निकाले जाने के बाद भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद बिहार के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह की हिंसा देखने को मिली थी। अरिजित पर भड़काउ बयान देने का आरोप लगा था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश हुए अरिजित को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गिरफ्तारी के बाद इस मामले में स्थानीय अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी। सरेंडर करने से पहले 38 वर्षीय अरिजीत ने कहा, 'मैं सरेंडर करने जा रहा हूं। हम उच्च अदालत में भी जाएंगे। मेरे खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर फर्जी है।' अरिजित ने कहा, 'अग्रिम जमानत की याचिका खारिज हो गई और मैंने पहले ही कहा था कि न्यायालय की शरण में हैं। मैंने न्यायालय का सम्मान करते हुए सरेंडर किया है। हाई कोर्ट में पहले ही जा चुके हैं और जो न्यायसंगत होगा वही कार्य करेंगे।" इसके अलावा अरिजित ने ये भी कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों ने जो गड़बड़ी की है, उसका वह विरोध कर रहे हैं। अरिजीत के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से गिरफ्तारी का वारंट जारी है लेकिन पुलिस उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
तेजस्वी यादव लगातार अरिजीत के बहाने नीतीश पर सवाल खड़े कर रहे थे। बिहार में हुए इस पूरे घटनाक्रम के बाद जदयू और बीजेपी में मनमुटाव की खबरें भी सामने आ रही थी। वैसे अरिजीत शाश्वत पिछले लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़ चुके है लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बिहार में औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, भागलपुर और नालंदा जैसे जिले सांप्रदायिक तनाव की चपेट में हैं। प्रभावित शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।