भोपाल: हैदराबाद में एक पशु-चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने का भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के लोगों ने खुशी जताई है। चौहान ने अपने मुख्यमंत्री काल में बलात्कारियों के लिए मध्य प्रदेश में फांसी की सजा का प्रावधान किया था। चौहान ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हैदराबाद में नरपिशाचों को उनके पाप की सजा मिली। पूरे देश को बड़ा सुकून मिला। दुष्टों के साथ यही व्यवहार होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो दूसरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। मुझे खुशी है कि न्याय जल्दी मिल गया। दिशा को न्याय मिला।’’
शिवराज सिंह चौहान ने आगे लिखा, ‘‘हमने तो मध्यप्रदेश में बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया, लेकिन लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और दया याचिका के कारण न्याय विलंबित होता है। जब न्याय विलंबित होता है, तो डर खत्म हो जाता है। इसलिए न्याय तुरंत होना चाहिए।’’ वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘मुझे लगता है कि जिस प्रकार से देश में बलात्कार की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और अदालती प्रक्रिया के निर्णय देर से होते हैं, हैदराबाद में बलात्कारियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से अपराधों पर लगाम लगेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बलात्कार करने वाले अपराधियों को मुठभेड़ में मारने पर जिस तरह से देश में इसके पक्ष में प्रतिक्रिया आ रही है और देश के लोगों में खुशी है, इससे बलात्कारियों में भय भी व्याप्त होगा।’’
भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के हितों के लिये करीब 35 सालों से काम करने वाले भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा, ‘‘ऐसे लोगों को वैसे ही तड़पा-तड़पा कर मारना चाहिए था जैसे उन्होंने लड़की को मारा था या अदालत से फांसी दी जानी चाहिए थी। एक सेकेंड में उनकी मौत हो गई। नसीहत वाली सजा मिले, यह संदेश नहीं गया। इसलिए पुलिस ने इन्हें एक सेकेंड में मार कर यह अच्छा नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हो सकता है कि वे बेगुनाह हों और असली गुनाहगार बच जायें।’’ इसी बीच, इनकम टैक्स सलाहकार एवं वकील धर्मेन्द्र गुप्ता ने संतुलित बयान देते हुए कहा, ‘‘पुलिस ने उन्हें मार कर बहुत बढ़िया किया, लेकिन तरीका गलत है। यदि सही में अपराधी भाग रहा था, तो पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में मार कर अच्छा किया। लेकिन यदि यह फर्जी मुठभेड़ है तो यह भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने जैसा ही है।’’
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