नई दिल्ली: दिल्ली में सिर्फ 15 दिनों के बाद ही मानव तस्करी के एक और रैकेट का पर्दाफ़ाश हुआ है। साउथ दिल्ली में एक घर से 19 लड़कियों को रेस्क्यू कराया गया है। हैरानी की बात ये है कि इस रैकेट का दिल्ली नहीं बल्कि बनारस क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा किया है। मामला दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके का है। आरोप है कि नौकरी का झांसा देकर इन लड़कियों को जबरन देह व्यापार में धकेला जा रहा था। पिछले दिनों वाराणसी में एक लड़की की FIR के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने ये कामयाबी हासिल की।
एक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस के एक दल ने दिल्ली आकर मैदानगढ़ी में एक घर में छापा मारा जिसमें लड़कियों को बरामद किया गया। घर से कम से कम 68 नेपाली पासपोर्ट बरामद हुए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यहां से लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजा जा रहा था। मैदानगढ़ी के एक घर से चलाए जा रहे रैकेट में इस ठिकाने पर रेड के दौरान वाराणसी पुलिस के साथ दिल्ली महिला आयोग के सदस्य भी मौजूद थे।
कुछ दिन पहले भी दिल्ली में मानव तस्करी का एक मामला सामने आया था और अब लगातार दूसरे मानव तस्कर रैकेट के खुलासे और उससे दिल्ली पुलिस के बेखबर होने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने हैरानी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे रैकेट दिल्ली पुलिस की मिलीभगत से ही चल रहे हैं।
आयोग के अनुसार, "समझाने के बाद उन्होंने बताया कि दिल्ली उन्हें नौकरी के बहाने से लाया गया था।" वे गरीब हैं और नेपाल के भूकंप प्रभावित क्षेत्र की रहने वाली हैं। ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार और घर को खो चुकीं हैं।
पकड़े गए तीनों ही आरोपियों ने रैकेट चलाने के आरोप से साफ इनकार किया है। हालांकि वाराणसी पुलिस का कहना है कि रैकेट बेहद शातिर तरीके से अलग अलग इलाकों के एंजेट के ज़रिये चल रहा था। यहां लाकर लड़कियों को दुबई, ओमान या कुवैत जैसे देशों में भेज दिया जाता था।
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