ओडिशा में आए ‘तितली’ तूफान का पाकिस्तान से है कनेक्शन, जानिए कैसे रखे जाते हैं चक्रवातों के नाम
तूफान की विभीषता जहां लोगों को हैरान करती है वहीं इसके नाम भी चौंका देते हैं। ओडिशा में आया तूफान तितली है।
नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने ओडिशा के तटों पर कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। 126 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही चक्रवाती हवाएं अपने आगे आने वाली हर चीज़ का ध्वस्त कर रही हैं। तूफानी बारिश से बचाने के लिए करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। तूफान की विभीषता जहां लोगों को हैरान करती है वहीं इसके नाम भी चौंका देते हैं। ओडिशा में आया तूफान तितली है। वहीं केरल में पिछले साल ओखी तूफान ने तबाही मचाई थी। आप शायद गुजरात में आए नीलोफर और आंध्रप्रदेश में आए हुड़हुड़ तूफान को भी नहीं भूलें होंगे।
जानिए क्या है तितली का पाकिस्तान से रिश्ता
तितली तूफान भले ही बंगाल की खाड़ी में उठा हो और ओडिशा को प्रभावित कर रहा हो। लेकिन इसका एक खास रिश्ता पाकिस्तान के साथ भी जुड़ा हुआ है। ओडिशा तट पर आए तूफान का नामकरण पाकिस्तान ने ही किया था। इससे पहले निलोफर और वरदा तूफानों के नाम भी पाकिस्तान ने ही दिए थे।
कब से हुई नामकरण की शुरुआत
अब सवाल उठता है कि इस प्रकार से तूफानों के नाम कौन रखता है और किस प्रकार अचानक उठे तूफान का तुरंत नामकरण हो जाता है। दरअसल तूफानों के नाम की शुरुआत करीब 70 साल पहले हुई थी। नामकरण का उद्देश्य यह था कि वैज्ञानिक और आम जनता तूफान के बारे में समझ सके। अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों के नामकरण की शुरुआत 1953 की एक संधि से हुई। हालांकि, हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था 2004 में शुरू की। इन आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं।
1979 से पहले सिर्फ महिलाओं के नाम पर होते थे तूफान
प्राप्त जानकारी के अनुसार 1950 तक तूफानों को उनके प्रभावी वर्ष के हिसाब से जाना जाता था, जैसे 1930 ए, 1935 बी। लेकिन 1950 के बाद तूफानों का नाम महिलाओं के नाम पर रखा जाने लगा। यह व्यवस्था 1978 तक चली। 1979 से पुरुषों (मेल) के नाम पर भी तूफानों के नाम रखे जाने लगे।
पहले से निश्चित होते हैं तूफान के नाम
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की अंतरराष्ट्रीय संस्था एक कड़ी प्रक्रिया के द्वारा तूफानों के वास्तविक नाम चुनती है। इसमें सभी देशों का प्रतिनिधित्व होता है। भारत द्वारा कई नाम दिए गए हैं जिसमें लहर, मेघ, सागर और वायु शामिल हैं। 2013 में आंध्रप्रदेश तट पर आए तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने दिया था। वहीं नानुक का म्यांमार ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने दिया था।
अगले तूफान कर लीजिए नोट
तूफानों की लिस्ट लंबी है, लेकिन आने वाले तूफानों की बात करें तो इनके नाम गाजा, फेथाई, फानी, वायु, हिक्का, क्यार, माहा, बुलबुल, पवन और अम्फान हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये सभी तूफान उत्तरी हिंद महासागर से संबंधित हैं।