नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए मास्क ने बहुत बड़ा रोल निभाया है, चीन में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर संजीव चौबे ने इंडिया टीवी पर यह जानकारी दी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन से ही हुई है, लेकिन अब चीन अपने यहां कोरोना वायरस के संकट को लगभग काबू में कर चुका है। चीन में अपने अनुभव के आधार पर भारतीय डॉक्टर संजीव चौबे ने बताया कि वहां पर जनता को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने से कोरोना वायरस को काबू में पाने में बहुत मदद मिली है।
इंडिया टीवी के कार्यक्रम के दौरान अमेरिका में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर अमितेश आनंद ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के दौरान पड़ने वाले छींटे यानि ड्रॉपलेट से फैलता है और खांसते छींकते समय ड्रापलेट के साथ छोटे कण एयरोसॉल भी निकलते हैं जो हवा में टिके रहते हैं लेकिन उनकी वजह से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका नहीं है।
इसके जवाब में चीन में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर संजीव चौबे ने बताया कि चीन में वहां की सरकार ने जनता को मास्क पहने के लिए प्रेरित किया जिस वजह से वहां पर कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई और मामले कम भी हुए। डॉक्टर संजीब चौबे ने बताया कि अमेरिका और यूरोप में लोग मास्क नहीं पहनने की बात कर रहे हैं और शायद यही वजह है कि वहां पर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और साथ में मौतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क जरूर लगाएं।
इसके जबाव में अमेरिका में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर अमितेश आनंद ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधा के लिए ज्यादा सावधानी बरतना कभी गलत नहीं होता और मास्क पहनना भी क सावधानी ही है और इसे जरूर अपनाया जाना चाहिए। हालांकि डॉक्टर अमितेश ने यह भी कहा कि आम जनता स्पेशनल N-95 मास्क के बजाय सामान्य मास्क पहने क्योंकि N-95 मास्क की सबसे ज्यादा जरूरत इस समय डॉक्टरों और उन लोगों को है जो इस समय इस संक्रमण से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। और अगर जनता भी N-95 मास्क पहनना शुरू कर देगी तो डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए भी मास्क की कमी हो जाएगी।
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