A
Hindi News भारत राष्ट्रीय अमित शाह और अजित डोवल की जोड़ी ने कैसे आर्टिकल 370 को बना दिया इतिहास

अमित शाह और अजित डोवल की जोड़ी ने कैसे आर्टिकल 370 को बना दिया इतिहास

जून 2019 खुद देश के नए गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर गए। वहां उन्होंने तैनात अधिकारियों से घाटी के हालातों को लेकर चर्चा की, उन्हें विश्वास में लिया। उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों से लेकर ग्राम प्रधानों तक से मुलाकात की।

How amit shah and ajit doval scrapped article 370 from kashmir । अमित शाह और अजित डोवल की जोड़ी ने क- India TV Hindi Image Source : PTI Representational Image

नई दिल्ली. अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है। जम्मू-कश्मीर राज्य अब दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा ये बड़ा फैसला आज से एक महीने पहले लिया गया। देश के बड़े-बड़े नेता जिसे असंभव बताते थे, उसे संभव कर दिखाया पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासपात्र अमित शाह और अजित डोवल की जोड़ी ने। दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद मोदी सरकार ने इस मिशन पर काम करना तेजी से शुरू कर दिया।

जून 2019 खुद देश के नए गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर गए। वहां उन्होंने तैनात अधिकारियों से घाटी के हालातों को लेकर चर्चा की, उन्हें विश्वास में लिया। उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों से लेकर ग्राम प्रधानों तक से मुलाकात की। वहीं दूसरी तरफ एनएसए अजित डोवल ने जुलाई के महीने में कश्मीर का एक बेहद सीक्रेट दौरा किया। यहां उन्होंने भी राज्य में तैनात अधिकारियों और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर स्थिति का आकलन किया और आगे की योजना बनाई।

पढ़ें- कैसे की गई थी J&K में 370 हटाने की प्लानिंग? किसी को कानों-कान नहीं थी खबर

पढ़ें- 370 हटाकर कैसे पीएम मोदी ने फेर दिया था पाकिस्तान के अरमानों पर पानी

पढ़ें- 370 हटने के बाद सुषमा स्वराज ने कहा था- ‘जीवन में इसी दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी’

पढ़ें- 370 हटने पर हिरासत में लिए गए थे कई नेता, कुछ अभी भी हैं नजरबंद, देखें लिस्ट

कश्मीर की किस्मत को लेकर किए जा रहे इस फैसले में पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित आतंकी हिंसा न फैला सकें, घाटी का माहौल न खराब कर सकें, इसको लेकर दिन रात LoC पर नजर रखी गई। LoC पर निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन के अलावा टोही विमानों की भी मदद ली गई। कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ाई गई और अंतिम पलों में अमरनाथ यात्रा कैंसिल कर दी गई। सरकार द्वारा ये फैसला लिया जाने से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य में एहतियातन कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया, मोबाइल सेवाओं को बंद करना पड़ा।

Latest India News