पुरी (ओडिशा)। यहां भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए 48 घंटे से भी कम समय बचे होने के बीच पुरी जिला प्रशासन ने सभी आगंतुकों को होटल, लॉज और अतिथि गृहों को खाली करने का निर्देश दिया क्योंकि ओडिशा सरकार ने सोमवार को होने वाले महा उत्सव में जन भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण जन स्वास्थ्य के हित में रथ यात्रा (रथ उत्सव) में लोगों की भागीदारी और बड़ी सभा को प्रतिबंधित कर दिया है।
प्रशासन ने किसी भी जन समूह को रोकने के लिए 48 घंटे के कर्फ्यू की भी घोषणा की है। प्रतिबंधात्मक उपाय रथ यात्रा से एक दिन पहले 11 जुलाई को रात आठ बजे लागू किये जाएंगे और 13 जुलाई को रात आठ बजे तक जारी रहेंगे। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने शनिवार को कहा कि होटल और लॉज के मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रथ यात्रा के दौरान कोई भी पर्यटक शहर में न रुके।
उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों के निजी अतिथि गृहों को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 48 घंटे की कर्फ्यू अवधि के दौरान चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं का संचालन नहीं होगा।
इस बीच, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके शर्मा ने शनिवार को उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे त्योहार के दौरान पुरी न जाएं और इसके बजाय टीवी पर रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखें। आमतौर पर त्योहार के दौरान पुरी में लगभग 10 लाख लोग इकट्ठा होते हैं।
ओडिशा के पुरी में इस बार कोरोना प्रोटोकॉल के कारण भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भक्तों को शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाएगा। रथ खींचने वालों को कोरोना का टीका लगाया गया है। जिन लोगों की आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्हें यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
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