नयी दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच जारी गतिरोध को लेकर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले 24 से 40 घंटे में केंद्र और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से यहां मुलाकात करने के बाद चौटाला ने कहा कि जबतक वह राज्य सरकार का हिस्सा हैं, प्रत्येक किसान की फसल की खरीद सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सुनिश्चित की जाएगी।
चौटाला ने इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, खाद्य-रेलवे-वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार फिलहाल स्थिर है और उनकी पार्टी का एमएसपी के मुद्दे पर ठोस रुख है। उल्लेखनीय है कि चौटाला पर विपक्षी पार्टियों और हरियाणा के कुछ किसानों का भाजपा नीत राज्य सरकार से इस्तीफा देने का दबाव है। उन्होंने पहले कहा था कि अगर एमएसपी व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हुआ, तो वह इस्तीफा दे देंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या हरियाणा की गठबंधन सरकार स्थिर है, चौटाला ने शनिवार को कहा, ‘‘हां, जबतक हम एमएसपी सुनिश्चित करते हैं तबतक हम स्थिर रहेंगे।’’ जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि अगले 24 से 40 घंटे में नए दौर की वार्ता होगी और कुछ निर्णायक बयान सामने आएंगे।’’ चौटाला ने बताया कि उन्होंने सुबह राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को बैठकर मुद्दे का हल करने की जरूरत है। जिस तरह से केंद्र सरकार, प्रदर्शनकारी किसानों से बात कर रही है और किसान संगठनों की मांग पर 24 पन्नों का जवाब दिया है, उसे देख मैं आशान्वित हूं कि आपसी सहमति से इस मुद्दे का समाधान निकल जाएगा।’’
चौटाला ने कहा, ‘‘संवाद से ही समाधान निकलेगा। उम्मीद पर दुनिया कायम है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दौर की वार्ता जल्द होगी और दोनों तरफ से कुछ सकारात्मक नतीजा आएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार एमएसपी के संबंध में लिखित आश्वासन को वैधानिक मान्यता देगी तो उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो भी वे मांग करते हैं।’’ हरियाणा में राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की विपक्षी पार्टियों की धमकी पर चौटाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह का बयान दे रही है।
पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों को आशंका है कि नये कृषि कानूनों से एमएसपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इस व्यवस्था के तहत सरकारी एजेंसियां एक निश्चित कीमत पर किसानों की फसलें खरीदती हैं। केंद्र ने बुधवार को किसानों को दिये गए अपने प्रस्ताव में कहा था कि एमएसपी व्यवस्था बरकरार रहने के संबंध में वह लिखित आश्वासन देने और उनकी अन्य मांगों का समाधान करने को तैयार है। हालांकि, किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं और उन्होंने अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।
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