साल का सबसे बड़ा खुलासा, सामने आया मुंबई के मोजो रेस्टोरेंट के 'कब्र' बनने की पूरी कहानी
हैरान करने वाली बात ये भी कि मोजो बार और वन एबव रेस्टोरेंट के पास हुक्का बार चलाने का लाइसेंस भी नहीं था लेकिन फिर भी हुक्के का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा था। बीएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ जश्न के बीच एक हुक्के की चिंगारी ने ऐसा तांडव किया जिसकी
नई दिल्ली: मुंबई के कमला मिल कंपाउंड के मोजो बार और वन एबव रेस्टोरेंट में हुए दर्दनाक हादसे ने सरकार से लेकर सिस्टम तक को हिला दिया था क्योंकि सवाल यही था कि मिडनाइट पार्टी में अग्नितांडव मचा कैसे मचा। ये जानने के लिए बीएमसी की जांच टीम ने पीड़ितों के बयान दर्ज किए। रेस्टोरेंट और बार के लोगों से पूछताछ की। क़रीब आधा दर्जन एंगल पर तहक़ीकात की और अब रिपोर्ट में खुलासा किया है कि मोजो बिस्ट्रा रेस्टोरेंट में आग लगी हुक्के की एक चिंगारी से। धधकती हुई इस आग की शुरुआत हुई मोजो रेस्टोरेंट से और इसके बाद देखते ही देखते ये लपटे वन एबव रेस्टोरेंट तक जा पहुंची। थोड़ी ही देर में लोगों का जश्न चीख पुकार और कोहराम में बदल गया।
हैरान करने वाली बात ये भी कि मोजो बार और वन एबव रेस्टोरेंट के पास हुक्का बार चलाने का लाइसेंस भी नहीं था लेकिन फिर भी हुक्के का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा था। बीएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ जश्न के बीच एक हुक्के की चिंगारी ने ऐसा तांडव किया जिसकी वजह से आग की भट्टी बन चुकी एक छत के नीचे मौजूद 150 लोग फंस गए जिनके पास बच निकलने का मौका 150 सेकेंड से भी कम था। बीएमसी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी साफ किया है कि आखिर वो वजह क्या रही जिसकी वजह से आग इतनी ज़्यादा तेज़ी से फैली कि 14 लोगों को तो भागने का मौका तक नहीं मिला।
BMC की जांच रिपोर्ट
- रेस्टोरेंट में आग भड़काने वाली कई चीजें मौजूद थीं
- बड़ी संख्या में बांस और प्लाईवुड की शीट रखी थी
- रेस्टोरेंट में प्लास्टिक शीट और तिरपाल भी मौजूद थे
- पूरे रेस्टोरेंट में कॉटन और नायलॉन के पर्दे लगे हुए थे
- लकड़ी के फर्निचर के साथ कुर्सी-टेबल पर क्लॉथ थे
- कुर्सियों पर गद्दा लगा और सोफे पर कुशन रखे हुए थे
- पूरे रेस्टोरेंट में फर्स पर कारपेट बिछा हुआ था
- सजावट के लिए कपड़े की फॉल्स सीलिंग थी
- रेस्टोरेंट में और टेरेस पर सजावट के सामान थे
- शराब और बियर की बोतलों का बड़ा स्टॉक था
- हुक्का का सामान और चारकोल का भी स्टॉक था
- एसी मशीन यूनिट, कूलर, लाइट और साउंड सिस्टम
बीएमसी ने अपनी रिपोर्ट में जिन चश्मदीदों के बयान दर्ज किए हैं उनमें से एक हैं केदार गंथा। केदार गंथा ने इंडिया टीवी को भी बताया कि आग इतनी तेजी से फैसली कि किसी को भी भागने का मौका नहीं मिला जो बच गए वो खुशकिस्मत थे। इस हादसे ने फायर ब्रिगेड की टीम पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। फायर ब्रिडे ने हादसे के 2 दिन पहले ही वन एबव रेस्टोरेंट को एनओसी दी थी जबकि जांच में ये पता चला है कि वन एबव और मोजो बार में कहीं भी फायर एग्ज़िट गेट नहीं थी। इसके अलावा जो एंट्री गेट था वो भी काफी छोटा था। यही वजह थी कि आग लगने के बाद कुछ लोग बाथरूम में घुस गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
मुंबई अग्निकांड की तहकीकात, चिंगारी ने ली 14 जान
- आग पहले मोजो रेस्टोरेंट में लगी थी
- हुक्के की चिंगारी से लगी थी आग
- पंखे की हवा से पर्दे पर जा पहुंची चिंगारी
- नायलॉन के पर्दों की वजह से आग भड़की
- बाद में आग वन एबव रेस्टोरेंट तक पहुंची
- रेस्टोरेंट में चल रहा था अवैध हुक्का बार
- तिरपाल और बांस से आग फैली
- लोगों के निकलना का रास्ता ब्लॉक था
- रेस्टोरेंट में इमरजेंसी एग्ज़िट गेट नहीं था
- आग में घिरने की वजह से 14 लोगों की मौत
वहीं कमला मिल हादसे के बाद बीएमसी ने अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाही शुरू की थी लेकिन इसका एक बड़े नेता ने विरोध किया था। यह बात कल बीएमसी की मीटिंग में खुद बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता ने कही। बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि कमला मिल अग्निकांड के बाद जब अवैध निमार्ण को तोड़ा जा रहा था, तब एक बड़े नेता ने मुझे ऐसा करने से रोका था। नेता ने फोन पर नाराज़गी जताई थी कि आप ये क्या कर रहे हो? उनके इस खुलासे पर अब सियासत भी गर्म हो गई है। मुंबई के मेयर ने कहा, दबाव के बावजूद कमिश्नर ने कार्रवाही नहीं रोकी। बीएमसी कमिश्नर ने उस नेता का नाम नहीं बताया। इस मामले में शिवसेना को कांग्रेस पर शक हो रहा है।
लेकिन BMC में कांग्रेस के नेता रवि राजा ने दावा किया कि कांग्रेस के किसी नेता ने कमिश्नर को फोन नहीं किया बल्कि ये सब अग्निकांड की जांच से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। हादसे के बाद अब तक 1300 होटल और पबों की जांच की गई है। 670 होटल और पबों में अनियमितता पाई गई है। जिनमें से 30 होटलों को सील कर दिया गया है।