विपासना को देख फूट फूटकर रोने लगी हनीप्रीत, आमने-सामने बिठाकर पुलिस ने किया पूछताछ
कहा जाता है कि डेरे के अंदर विपासना और हनीप्रीत में छत्तीस का आंकड़ा था। हनीप्रीत राम रहीम की सबसे करीबी थी। वो चाहती थी कि डेरा का पूरा अधिकार उसे दिया जाए लेकिन राम रहीम को विपासना की क्षमता पर ज्यादा भरोसा था। पुलिस जानना चाहती थी कि पंचकूला हिंसा
नई दिल्ली: पंचकूला पुलिस के सवालों का जवाब देने के लिए आज विपासना सेक्टर 23 थाने पहुंची थी जहां विपासना को सामने देखकर हनीप्रीत फूट फूटकर रोने लगी। विपासना ने हनीप्रीत को गले लगा लिया फिर दोनों देर तक एक दूसरे को दिलासा देते रहे। ये पहली बार हो रहा है जब हनीप्रीत और विपासना का आमना-सामना हो रहा है। राम रहीम को बलात्कार की सजा मिलने के बाद पंचकूला में हिंसा और हनीप्रीत की फरारी और गिरफ्तारी के बाद ये पहला मौका था जब हनीप्रीत डेरे से जुड़ी किसी खास के सामने हुई थी लिहाजा वो विपासना से गले लगकर रोने लगी। ये भी पढ़ें: राम रहीम की लाडली हनीप्रीत की करतूतों से हटा पर्दा, सहेली ने खोल दिए सारे राज़
आज पंचकूला पुलिस ने बलात्कारी राम रहीम की तीनों देवियों हनीप्रीत-विपासना और सुखदीप कौर को एक साथ बुलाकर पूछताछ की। दरअसल हनीप्रीत बार-बार पुलिस को गुमराह कर रही थी। डेरा से जुड़े सवालों को लेकर गोल मोल जवाब दे रही थी। पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही थी लिहाजा फैसला लिया गया कि बाबा की तीनों देवियों को एक साथ बिठाकर सवाल किए जाएं जिससे पंचकूला हिंसा और डेरा सच्चा सौदा का सच सामने आ सके।
विपासना से सबसे पहला सवाल था पंचकूला हिंसा से जुड़ी प्लानिंग का। उसके बाद हनीप्रीत फिर सुखदीप कौर से सवाल किया गया...
- विपासना - 17 अगस्त को डेरे में पंचकूला हिंसा की प्लानिंग को लेकर हुई मीटिंग में आपका और हनीप्रीत का क्या रोल था...क्या आप दोनों इस मीटिंग में मौजूद थीं?
- हनीप्रीत - आपका लैपटाप और मोबाइल कहां है?
- सुखदीप कौर - लुकआउट नोटिस था तो क्यों कर रही थी मदद?
- विपासना - हनीप्रीत का मोबाइल और लैपटाप क्या डेरे में छिपाया गया है?
विपासना सुबह 11 बजे ही पंचकूला के सेक्टर 23 थाने पहुंच गई थी लेकिन वो सवालों के लिए तैयार नहीं थी क्योंकि वो पुलिस के सवालों को टालना चाहती थी तभी उसने दो बार तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर पूछताछ से बची रही थी। लेकिन पंचकूला पुलिस हनीप्रीत के रिमांड खत्म होने के पहले किसी भी सूरत में विपासना से सवाल करना चाहती थी इसलिए पुलिस ने सख्ती से विपासना को आज पंचकूला थाने में बुलाया था।
कहा जाता है कि डेरे के अंदर विपासना और हनीप्रीत में छत्तीस का आंकड़ा था। हनीप्रीत राम रहीम की सबसे करीबी थी। वो चाहती थी कि डेरा का पूरा अधिकार उसे दिया जाए लेकिन राम रहीम को विपासना की क्षमता पर ज्यादा भरोसा था। पुलिस जानना चाहती थी कि पंचकूला हिंसा में हनीप्रीत किस हद तक साजिश में शामिल थी क्योंकि हनीप्रीत अभी तक की पूछताछ में पंचकूला हिंसा औऱ डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सवालों को नजरअंदाज कर रही थी।
विपासना पहले ही कबूल कर चुकी हैं कि 25-26 अगस्त की रात हनीप्रीत सिरसा के डेरा में आई थी। सिरसा में 18 सितंबर को SIT ने उससे साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ से दो हफ्ते पहले ही इंडिया टीवी से बातचीत में विपासना ने बताया था कि 27 अगस्त के बाद उसका हनीप्रीत से कोई संपर्क नहीं था। विपसना और हनीप्रीत को आमने-सामने बिठाकर पुलिस 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा के साथ-साथ फरार चल रहे आदित्य इंसां और पवन इंसां पर भी जानकारी लेने की कोशिश की।
SIT ने विपासना और हनीप्रीत से इन दोनों के गायब होने पर भी सवाल किया। वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि हनीप्रीत ने पुलिस रिमांड में अपना हर गुनाह कबूल कर लिया है। पंचकूला हिंसा में अपने शामिल होने की बात कह दी है। हालांकि पुलिस के सामने जो उसने कबूल किया है उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कोर्ट में पुलिस को हनीप्रीत को गुनहगार साबित करने के लिए ठोस सबूत देने होंगे इसलिए पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है।