अमन की ओर लौटता जम्मू कश्मीर, अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां वापस बुलाएगा गृह मंत्रालय
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक साल बाद अब जम्मू कश्मीर अमन और शांति की ओर लौट रहा है। केंद्र शासित प्रदेश की सरकार भी अब घाटी में सुधरते हालात को देखते हुए कई कदम उठा रही है।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक साल बाद अब जम्मू कश्मीर अमन और शांति की ओर लौट रहा है। केंद्र शासित प्रदेश की सरकार भी अब घाटी में सुधरते हालात को देखते हुए कई कदम उठा रही है। इसी बीच गृह मंत्रालय ने भी केंद्र शासित प्रदेश में सुधरती स्थिति के बीच सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर समीक्षा की है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने घाटी से सीआरपीएफ, आरएएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों की 100 से ज्यादा कंपनियां वापस बुलाने का फैसला किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के अफसर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और खुफिया विभाग के साथ एक हाई लेवल मीटिंग करने के बाद अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घाटी से वापस लेने पर स्वीकृति दी। मंत्रालय के आदेश के बाद अब कुल 100 कंपनी अर्धसैनिक बलों को घाटी से वापस बुलाया जाएगा। इन सभी को अब फिर से अलग-अलग हिस्सों में तैनात कराया जा सकता है। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में होने वाले बिहार के चुनावों के लिए भी पर्याप्त सुरक्षाबलों की व्यवस्था करने के लिए कुछ जवानों को यहां भेजा जा सकता है।
बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में सीमित आधार पर 4जी इंटरनेट की सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। राज्य सरकार के मुताबिक रविवार रात 9 बजे से राज्य के दो जिलों गांदरबल और उधमपुर में प्रायोगिक तौर पर 4जी इंटरनेट सेवाएं शुरू की गई हैं। सरकार के मुताबिक, ये सेवाएं 8 सितंबर तक ट्रायल के तौर पर जारी रहेंगी। हाईस्पीड इंटरनेट की ये सेवाएं पोस्टपेड सर्विस पर शुरु की गई है। इन दो जिलों को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर इंटरनेट की स्पीड 2G ही रहेगी। गांदरबल जिला कश्मीर तो उधमपुर जिला जम्मू में आता है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कुल 20 जिले हैं। 5 अगस्त 2019 से धारा 370 हटने के फैसले से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त से पूरे राज्य में 4G सेवाएं बंद थीं। यहां पिछले एक साल से 4जी इंटरनेट बंद है। ब्रॉडबैंड और 2G सेवाएं जनवरी महीने में दोबारा शुरू की गईं लेकिन हाई स्पीड इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी रखा गया था।
बता दें कि इससे पहले केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि जम्मू- कश्मीर में इंटरनेट सेवा बहाल करने के मुद्दे को देख रही विशेष समिति ने जम्मू और कश्मीर डिवीजन के एक-एक जिले में 15 अगस्त के बाद परीक्षण के आधार पर 4 जी सेवायें बहाल करने का फैसला किया है। वहां 2 जी सेवा ही उपलब्ध है।