नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम सरकार को सलाह दी है कि वह राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के ड्राफ्ट में छूट गए लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करे। इस रजिस्टर का प्रकाशन 30 जुलाई को होना है। इस ड्राफ्ट के आधार पर किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का सवाल नहीं है। यह निर्देश प्रशासन के सभी तबकों के लिए जारी कर दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश में असम सरकार से कहा गया है कि केवल एनआरसी में नाम नहीं होने पर किसी को विदेशी नहीं माना जाए साथ ही उसे इसके खिलाफ ट्रिब्युनल में अपील का पूरा मौका दिया जाए। वहीं इस दौरान लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए केंद्र ने 22 हजार अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्सेज को असम और आसपास के राज्यों में भेज दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर असम के लिए एनआरसी का पहला ड्राफट दिसंबर के आखिर में प्रकाशित किया गया था। 31 दिसंबर और एक जनवरी के बीच मध्य रात्रि में जारी ड्राफ्ट में नागरिकों की पूरी लिस्ट है। 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम इसमें लिए गए थे। आपको बता दें कि असम ऐसा राज्य है जहां बड़ी संख्या में बांग्लादेश से घुसपैठ हुई है। यह एक अकेला राज्य है जिसके पास एनआरसी और यह पहली बार 1951 में तैयार किया गया था।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन की समय सीमा 30 जुलाई तक बढ़ा दी थी।
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