नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली दंगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। जिन लोगों की जान गई है उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं... परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। पिछले कुछ दिनों से इस दंगे को देश दुनिया के सामने जिस तरह से इसे रखने का प्रयास हुआ मैं इसकी स्पष्टता रखना चाहूंगा। 25 फऱवरी के बाद दंगे से जुड़ी बाद एक भी घटना नहीं हुई। 2 मार्च को विपक्ष के तरफ से डिमांड आई कि संसद में चर्चा की जाए हमने कहा कि होली के बाद चर्चा करेंगे क्योंकि होली एक संवेदनशील त्योहार है।
25 फरवरी रात 11 बजे के बाद सांप्रदायिक दंगे से जुड़ी एक भी घटना नहीं हुई है। मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा भी करना चाहता हूं। यह 20 लाख लोगों के बीच हो रहा था और इसे दिल्ली में फैलने से रोकना एक बड़ी जिम्मेदारी थी और इसे रोक पाने में दिल्ली पुलिस सफल रही। दिल्ली में कुल 203 पुलिस थाने हैं जिनमें से 12 थानों में हिंसा हुई।
अजित डोवल मेरी विनती पर ही दंगा प्रभावित इलाकों में गए थे
अमित शाह ने कहा, 'दंगे को लेकर सारी समीक्षा बैठकें मेरी अध्यक्षता में हुईं। पूरे सदन के माध्यम से देश को कहना चाहता हूं, मैने ही अजित डोवल को विनती की थी कि जाइए और पुलिस का मनोबल बढ़ाइए और मेरी ही विनती पर वे वहां गए थे। मैं जाता तो पुलिस को परेशानी होती।'
700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा-' 27 फरवरी से लेकर अबतक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं, 2600 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं। दिल्ली की जनता में हजारों की संख्या में वीडियो दिल्ली पुलिस को भेजे हैं और अंकित शर्मा के कातिल की जानकारी उसी विडियो से बाहर आने जा रही है जिस वीडियो को किसी नागरिक ने भेजा है।
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