A
Hindi News भारत राष्ट्रीय अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया एसपीजी संशोधन बिल, अब सिर्फ प्रधानमंत्री के साथ होंगे एसपीजी कमांडो

अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया एसपीजी संशोधन बिल, अब सिर्फ प्रधानमंत्री के साथ होंगे एसपीजी कमांडो

सदन में बिल पेश करते हुए गृहमंत्री ने इस कानून से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों और बदलावों के बारे में जानकारी सदन के सामने पेश की।

<p>Amit Shah</p>- India TV Hindi Amit Shah

मुंबई: लोकसभा ने कांग्रेस के वाकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह :एसपीजी: अधिनियम संशोधन विधेयक को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष सदस्यों की उन चिंताओं को बेबुनियाद बताया जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार की सुरक्षा के संबंध में राजनीति के तहत काम किया गया है। 

शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है। सुरक्षा बदली गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी कानून को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है। यह वास्तविकता नहीं है।’’ 

कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा ‘‘सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, लेकिन तब कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे। बाद में पी वी नरसिंह राव जी की सुरक्षा ले ली गई, तब भी कोई नहीं बोला। आई के गुजराल जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला।’’ उन्होंने कहा ‘‘डॉ मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। जबकि नरसिंह राव, मनमोहन सिंह तो कांग्रेस पार्टी के ही थे।’’ 

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने सवाल किया, ‘‘चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?’’ उन्होंने कहा ‘‘इनको केवल एक परिवार की चिंता है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गांधी परिवार के एक भी सुरक्षाकर्मी की संख्या कम नहीं की गई है। ’’ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। 

गौरतलब है कि विधेयक की धारा 4 में एक उपधारा का प्रस्ताव किया गया है कि विशेष सुरक्षा समूह प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों तथा किसी भूतपूर्व प्रधानमंत्री और उनके आवंटित आवास पर निवास कर रहे निकट परिजनों को उस तरीख से, जब वह प्रधानमंत्री नहीं रह जाते हैं, पांच वर्ष तक की अवधि के लिये निकट सुरक्षा प्रदान करेगा। इसमें धारा 4 के खंड ‘‘ख’’ को शामिल किया गया है कि जहां किसी भूतपूर्व प्रधानमंत्री से निकट सुरक्षा हटा ली जाती है, वहां ऐसी निकट सुरक्षा ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों से भी हटा ली जाए। 

उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते रहे हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि अधिनियम में भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके कुटुंब के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा की व्यवस्था करने की कोई अवधि निश्चित नहीं की गई है। अत: ऐसे व्यक्तियों की संख्या काफी अधिक हो सकती है जिन्हें एसपीजी सुरक्षा दी जानी है। 

इस परिप्रेक्ष्य में एसपीजी के संसाधनों, प्रशिक्षण और संबंधित अवसंरचना पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अत: कानून में संशोधन की जरूरत समझी गई ताकि मुख्य आदेश पर ध्यान केंद्रित किया जा सके क्योंकि प्रधान के तौर पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा, सरकार, शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च महत्व की है। कार्यरत प्रधानमंत्री के लिये अत्यंत जरूरी महत्वपूर्ण सुरक्षा को मान्यता देते हुए विशेष सुरक्षा समूह के गठन के लिये अधिनियम बनाया गया था जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रधानमंत्री और उनके कुटुंब के सदस्यों को निकट सुरक्षा प्रदान करना है।

Latest India News