होम आइसोलेशन की नई संशोधित गाइडलाइन जारी, गृह मंत्रालय का राज्य सरकारों को निर्देश
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि मेडिकल प्रोफेशनल्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों, एंबुलेंस आदि की आवाजाही में कोई दिक्कत न आए।
नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस मरीजों की संख्या को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज (सोमवार, 11 मई) को राज्यों को निर्देश दिया है कि सभी मेडिकल स्टाफ के साथ सभी निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम खुले। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम, लैबों को तमाम चिकित्सा स्टाफ के साथ खोला जाना सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों के लिए अधिक 'श्रमिक' विशेष ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करना चाहिए। वह यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी कामगार सड़कों और रेल पटरियों पर पैदल यात्रा नहीं करें और विशेष रेलगाड़ियों का इस्तेमाल करें। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि मेडिकल प्रोफेशनल्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों, एंबुलेंस आदि की आवाजाही में कोई दिक्कत न आए।
बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के लक्षणों वाले मरीजों और पूर्व लक्षणात्मक कोविड-19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन पर जाने की छूट दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक कुछ शर्तों के साथ कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम होम आइसोलेशन में भेजा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के कोरोना संक्रमित मरीजों को तीन श्रेणी में बांट दिया है। पहला बहुत कम लक्षण वाले मरीज, जिन्हें कोविड केयर सेंटर में रखा जाता है। दूसरा ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के तीन या चार लक्षण दिखाई देते हैं। इन मरीजों को कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जाता है जबकि तीसरे ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के सभी लक्षण दिखाई देते हैं, ऐसे मरीजों को कोविड हॉस्पिटल में रखा जाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए 27 अप्रैल को जो दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, उन्हें अब बदल दिया गया है। कोरोना मरीजों के लिए नई संशोधित गाइडलाइन में बताया गया है अगर हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज के घर पर आइसोलेशन की सुविधाएं हैं तो वो होम आइसोलेशन में जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से होम आइसोलेशन की सुविधाओं के बारे में भी साफ कर दिया गया है।
जानिए होम आइसोलेशन (Home isolation) के लिए क्या है नई संशोधित गाइडलाइन
- कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में तभी जा सकता है जब डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में मरीज जो घर जाने की इजाजत दे।
- दूसरा मरीज के पास घर पर आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध हो।
- घर पर एक आदमी 24 घंटे उसके साथ रहने वाला होना चाहिए।
- इसके साथ ही अस्पताल के साथ वह हर समय जुड़ा रहना चाहिए और हर छोटी बड़ी दिक्कत की जानकारी अस्पताल को मिलती रहनी चाहिए।
- मरीज के मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप भी होना बेहद जरूरी है।
- मरीज को ये शर्त भी माननी होगी कि समय- समय पर उसकी सेहत की जांच की जाएगी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट की जानकारी दी जाएगी।
- इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी समय-समय पर कोरोना मरीज की निगरानी करेंगे।
- जो भी मरीज होम आइसोलेशन में जाएगा उसे एक फॉर्म भरना होगा और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना होगा।