जोधपुर (राजस्थान): कोविड-19 के मद्देनजर पाकिस्तान के विस्थापित हिन्दू समुदाय के लिए कपड़े के मास्क की सिलाई यहां एक संगठित विनिर्माण केंद्र में तब्दील हो गई है, जहां 70 से अधिक महिलाएं काम करती हैं। इससे विस्थापित समुदाय की महिलाओं को आजीविका का न सिर्फ एक उपयुक्त साधन मिला है, बल्कि इसने ऐसे समय उम्मीद की किरण भी दिखाई है जब कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर बुरा असर पड़ा है।
समुदाय के हितों के लिए संघर्ष करने वाली ‘यूनिवर्सल जस्ट एक्शन सोसाइटी’ के सचिव हिन्दू सिंह सोढा ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता था कि हमारे समुदाय के सदस्यों को हमारी खुद की महिलाओं द्वारा मास्क उपलब्ध कराने की पहल उनके लिए आजीविका का उपयुक्त साधन बन जाएगी।’’
सोढा ने कहा कि शुरू में समुदाय के सदस्यों के लिए 12 हजार मास्क बनाने की योजना थी, लेकिन जल्द ही मेडिकल स्टोर, उद्योगों और अन्य क्षेत्रों से मास्क के लिए मांग शुरू हो गई। सोसाइटी और समुदाय के नेताओं की मदद से यह पहल संगठित विनिर्माण केंद्र के रूप में तब्दील हो गई और रोजगार का अच्छा साधन बन गई। महिलाएं सूती कपड़े से तीन परत वाले अच्छे मास्क बना रही हैं।
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