कमलेश तिवारी हत्याकांड: दुबई का कंप्यूटर ऑपरेटर है मास्टमाइंड, हत्या के लिए सूरत से खरीदी पिस्टल
कमलेश पहले हिन्दू महासभा में बड़े पद पर थे। कुछ महीने पहले इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। लखनऊ में हजारों की संख्या में कमलेश तिवारी को जानने वाले हैं और जब पता चला कि उनकी हत्या हो गई है तो सब गुस्से से आग-बबूला हो गए।
नई दिल्ली: लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के सनसनीखेज मर्डर में बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या के तार गुजरात के सूरत से जुड़े हैं। गुजरात एटीएस का दावा है कि हत्या की साजिश सूरत में रची गई जिसमें से तीन लोगों को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है। इनमें मौलवी मोहसिन शेख, रशीद पठान और फैजान पठान शामिल हैं जिन्हें यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा, जबकि दो शूटर अभी फरार हैं। गुजरात एटीएस ने दावा किया है कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए सूरत से पिस्टल खरीदी गई थी।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस जघन्य हत्याकांड पर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, '24 घंटे के भीतर केस सुलझाया गया है। कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या के बाद हमने कई छोटी-छोटी टीमों का गठन किया और उनको प्रदेश के बाहर भी तार जुड़े होने की जांच करने को कहा। गुजरात पुलिस और यूपी पुलिस के साझा प्रयास से हमने 3 व्यक्तियों को हिरासत में लिया। उनसे सघन पूछताछ की जा रही है।' सिंह ने कहा कि मिठाई का डिब्बा जांच में अहम सुराग बना। उन्होंने कहा कि सूरत से तीन संदिग्धों मोहसिन शेख, फैजान और रशीद पठान को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
2 संदिग्धों पर रखी जा रही है नजर
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि दो और संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हालांकि उनपर नजर रखी जा रही है। सिंह ने आगे कहा, 'आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। रशीद पठान जो पेशे से दर्जी है और कंप्यूटर में भी एक्सपर्ट है, घटना का पूरा प्लान बनाया जबकि मौलाना मोहसिन ने ही हत्या के लिए उकसाया। घटना के तार इतनी दूर से जुड़े होने के बावजूद अभी तक इसका कोई आतंकी कनेक्शन सामने नहीं आया है।' उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया हत्या की वजह कमलेश तिवारी के भड़काऊ बयान लग रहे हैं जिसको लेकर आरोपियों में नाराजगी थी।
दुबई में काम करता है एक आरोपी
गुजरात एटीएस ने कहा कि जिन तीन लोगों को पकड़ा गया है उनमें से एक कंप्यूटर ऑपरेटर है जो दुबई में काम करता है। ये शख्स पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है जबकि दूसरा आरोपी मेडिकल रिप्रजेंटेटिव है। एटीएस के मुताबिक मौलवी मोहसिन शेख, रशीद पठान और फैजान मेंबर ने करीब छह महीने पहले हत्या की साजिश रची और 16 अक्टूबर को मिठाई का डब्बा लेकर लखनऊ पहुंचे।
परिजनों ने की मुआवजे और नौकरी की मांग
बता दें कि लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या से बवाल मचा हुआ है। परिवार ने सरकार से 5 करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है। परिवार का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी की शिकायत पत्र में बिजनौर के दो मौलानाओं का जिक्र है जिनके नाम नसीम क़ासमी और अनवारुलहक़ हैं। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है लेकिन जब तलाशी शुरू हुई तो दोनों लापता हैं। 2015 में अनवारुलहक़ ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वालों को 51 लाख के इनाम का ऐलान किया था।
हिंदू महासभा छोड़ कमलेश ने बनाई थी पार्टी
कमलेश पहले हिन्दू महासभा में बड़े पद पर थे। कुछ महीने पहले इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। लखनऊ में हजारों की संख्या में कमलेश तिवारी को जानने वाले हैं और जब पता चला कि उनकी हत्या हो गई है तो सब गुस्से से आग-बबूला हो गए। परिवार का गुस्सा आधी रात को उस वक्त और बढ़ गया जब पांच घंटे हो गए थे और शव परिवार वालों को सौंपा नहीं जा रहा था।
परिजनों से मिलने गए थे दिनेश शर्मा लेकिन...
यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा परिवार वालों से मिलने आए थे लेकिन लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्हें दरवाजे पर पहुंचने तक नहीं दिया गया। देर रात परिवार वालों को शव सौंपा गया। पूरा का पूरा प्रशासन कमलेश तिवारी के घर पर खड़ा है। कमलेश तिवारी ने 2018 में अपनी हत्या की आशंका जताई थी, सरकार की ओर से सुरक्षा भी मिली लेकिन कातिल अपने प्लान में कामयाब हो गए। परिवार वाले हत्यारों के लिए फांसी की सजा मांग रहे हैं।