पणजी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जनरल सेक्रेटरी सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा है कि हिंदू समुदाय का मतलब भारतीय जनता पार्टी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने का मतलब हिंदुओं का विरोध नहीं है। राजनीतिक लड़ाई जारी रहेगी लेकिन इसे हिंदुओं से नहीं जोड़ा नहीं जाना चाहिए।
मीडिया से बातचीत के दौरान सुरेश 'भैय्याजी' जोशी ने चर्च पर लोगों की 'अज्ञानता और गरीबी' का फायदा उठाकर उनके शोषण और ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन लोगों का जबरन धर्मांतरण करवाना एक आपराध माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्वयं साई धर्म को समझता है और उसे स्वीकार करता है, तो यहा अच्छा है, लेकिन आपको किसी के अज्ञान या गरीबी का फायदा उठाकर उसका शोषण और धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए।
भैय्याजी जोशी ने कहा, "ऐसा करना सही नहीं है। हम इसका विरोध करतेहैं। अगर कोई अपनी इच्छा से ईसाई धर्म स्वीकार करता है तो हमारे पास इसके विरोध का कोई कारण नहीं है।" उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और वन संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे कई गैर-सरकारी संगठनों का कुछ ही समय बाद चर्च द्वारा अनुसरण किया जाता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा, "जब आप जल संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, तो आपको उसके लिए चर्च की आवश्यकता क्यों है? यदि आप चिकित्सा सेवाएं देना चाहते हैं, तो इसे दें, आपको वहां चर्च बनाने की आवश्यकता क्यों है? यह एक साजिश है।"
आरएसएस नेता ने कहा, "हमें कोई आपत्ति नहीं है यदि आप किसी को चर्च में बुलाते हैं और उन्हें धर्म के बारे में समझाते हैं और फिर उन्हें धर्म स्वीकार करने देते हैं।" उन्होंने ये भी कहा कि बड़े पैमाने पर धर्मांतरण गलत है, ठीक इसी तरफ किसी को व्यक्तिगत रूप से लालच देकर धर्मांतरण कराना भी। किसी को लालच देकर धर्मांतरण कराना और जबरन धर्मांतरण कराना अपराध माना जाना चाहिए।
इनपुट- ANI/PTI
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