आज हिंदी दिवस है। इतने विशाल देश में जहां विभिन्न प्रकार की संस्कृतियां हैं और तरह तरह की बोलियां बोली जाती है, वहां हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो अलग स्स्कृति-परंपरा के दो लोगों के बीच संवाद का काम करती है। यही वजह है कि हिंदी को हमारी राष्ट्रीय भाषा कहा गया है। यूं तो हिंदी में कई ऐसे शब्द मिल जाएंगे जिनका संबंध स्थानीय बोली से है लेकिन समय के साथ-साथ हिंदी में रचबस गए। आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि आज हम हिंदी बोलते वक़्त कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं जिनका हमारे देश से कोई लेना देना ही नही है यानी ये शब्द दूसरे देशों की भाषा से आकर सहज रुप से हिंदी में घुलमिल गए।
हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कुच ऐसे शब्द जो विदेशी होते हुए भी हिंदी के रंग में इस तरह रंग गए हैं कि इनके बिना काम चलाना अगर असंभव नहीं तो मुश्किल ज़रुर हो सकता है।
अरबी
ज़्यादातर खाड़ी देशों में अरबी भाषा बोली जाती है। क़ुर्रआन शरीफ़ भी अरबी भाषा में ही है। हिंदी भाषा में कई अरबी शब्द ऐसे हैं, जो समय के साथ हमारी भाषा में रम गए। इश्क़, ख़ैर, शराब, अक़ल, शायरी, ग़ज़ल जैसे कई अनगिनत शब्द हैं जिसे हम आज रोज़मर्रा की बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं।
Arbi
चीनी
चीन से भारत का संबंध काफी पुराना है। ये हमारा पड़ौसी देश भी है और दोनों देशों के धर्म गुरु, धर्म प्रचारक सदियों से इधर से उधर और उधर से इधर आते रहे हैं। ऐसे में ज़ाहिर है भाषा का घुलमिल जाना स्वाभाविक है। चाय, लीची, कारतूस जैसे शब्द जिन्हें हम हिंदी समझकर बोलते रहते हैं दरअसल इनका संबंध चीनी भाषाओं से है।
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