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Hindi News भारत राष्ट्रीय Covid Vaccine: 30 नवंबर तक सभी को दूसरी डोज लगा देगा हिमाचल, PM ने की स्वास्थ्यकर्मियों से बात

Covid Vaccine: 30 नवंबर तक सभी को दूसरी डोज लगा देगा हिमाचल, PM ने की स्वास्थ्यकर्मियों से बात

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन, 130 करोड़ भारतीयों के इसी आत्मविश्वास और वैक्सीन में आत्मनिर्भरता का ही परिणाम है कि भारत आज एक दिन में सवा करोड़ टीके लगाकर रिकॉर्ड बना रहा है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश में कोरोना वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों तथा लाभार्थियों से बातचीत की। इस मौके पर पीएम ने कहा कि भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता प्रत्येक भारतवासी के परिश्रण और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है। इस दौरान हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि 30 नवंबर तक दूसरी डोज के कार्य को भी पूरा कर सकें। उन्होंने वैक्सीन की सप्लाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी किया।

कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल भारत का पहला राज्य बना है जिसने अपनी पूरी एलिजिबल आबादी को कोरोना टीके की कम से कम एक डोज लगा ली है, दूसरी डोज के मामले में भी हिमाचल लगभग एक तिहाई आबादी को पार कर चुका है, हिमाचल के लोगों की इस सफलता ने देश का आत्मविश्वास बढ़ाया है और आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है यह भी याद दिलाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन, 130 करोड़ भारतीयों के इसी आत्मविश्वास और वैक्सीन में आत्मनिर्भरता का ही परिणाम है कि भारत आज एक दिन में सवा करोड़ टीके लगाकर रिकॉर्ड बना रहा है। जितने टीके भारत आज एक दिन में लगा रहा है वो कई देशों की पूरी जनसंख्या से भी ज्यादा है। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता प्रत्येक भारतवासी के परिश्रण और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल के बाद सिक्किम और दादर नगर हवेली ने शत प्रतिशत पहली डोज का पड़ाव पार कर लिया है, कई और राज्य इसके निकट भी पहुंच गए हैं। अब हमें मिलकर यह प्रयास करना है कि जिन्होंने पहली डोज ली है वे दूसरी डोज भी लें। आत्मविश्वास की यही बूटी हिमाचल के सबसे तेज टीकाकरण अभियान की सफलता का भी मूल है, हिमाचल ने खुद की क्षमता पर विश्वास किया, अपने स्वास्थ्यकर्मियों और भारत के वैज्ञानिकों पर विश्वास किया, यह उपलब्धी सभी स्वास्थ्यकर्मियों, आसा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शिक्षक और दूसरे तमाम साथियों के बुलंद हौंसले का परिणाम है। आरोग्य क्षेत्र से जुड़े लोगों की तो मेहनत है ही है, इसमें भी बहुत बड़ी संख्या में हमारी बहनों की बड़ी भूमिका रही है।

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