नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण आठ लोगों की मौत हो गई और स्कूली बच्चों समेत सैकड़ों लोग राज्य में जगह-जगह फंस गए। प्रदेश के लाहौल स्पीति में 50 लोग लापता हो गए थे। इन लोगों में 35 छात्र थे जो आईआईटी रुड़की के हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उनके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 50 ट्रेकर्स के समूह जिनमें आईआईटी रुड़की के छात्र शामिल हैं, लाहुल-स्पीति के सिसु क्षेत्र में सुरक्षित हैं।
यह सभी हम्पता पास के लिए ट्रैकिंग पर गए थे और उन्हें मनाली लौटना था लेकिन उनसे संपर्क टूट चुका है। एएनआई एजेंसी के मुताबिक, लाहौल-स्पीति घूमने गए 8 लोगों का एक ग्रुप भी लापता हो गया है। इनमें ब्रुनेई की एक महिला संजीदा तुबा, नीदरलैंड के एबी लिम और 6 भारतीय नागरिक शामिल हैं। इस दल के लापता होने वाले भारतीयों के नाम प्रियंका वोरा, पायल देसाई, दीपिका, दिव्या अग्रवाल, अभिनव चंदेल और अशोक हैं।
वहीं अधिकारियों ने कहा है कि लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 200 से ज्यादा सड़क मार्ग बाधित हुए हैं। मंडी शहर से बाहर चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग और पठानकोट-चंबा राजमार्ग प्रभावित हुए हैं। मनाली, चंबा और डलहौजी शहर राज्य के बाकी हिस्सों से कट गए हैं।
रविवार रात को मनाली के समीप उफनती व्यास नदी में वाहन गिर जाने के कारण तीन लोग बह गए। मणिकर्ण घाटी की पार्वती नदी में दो लोग बह गए जबकि बजौरा के समीप एक लड़की की मौत हो गई। दोनों घटनाएं कुल्लू में हुईं। कुल्लू अचानक आई बाढ़ से सबसे प्रभावित जिलों में से एक है।
कांगड़ा जिले के पालमपुर शहर के समीप उफनाई छोटी नदी में एक शख्स डूब गया जबकि उना जिले में एक फैक्ट्री की इमारत के नदी में बह जाने के कारण एक की मौत हो गई। चंबा जिले में करीब एक हजार स्कूली बच्चों को चंबा के होली इलाके के सुरक्षित स्थानों में भेजा गया है। वे 23वें जिला प्राथमिक स्कूल खेल टूर्नामेंट के लिए इकठ्ठा हुए थे। लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश के बाद राज्य की 200 से ज्यादा आंतरिक सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे यात्री और अन्य लोग फंस गए हैं।
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