हिमाचल चुनाव: आजाद भारत के पहले मतदाता 100 वर्षीय नेगी ने डाला वोट, ऐसे हुआ वेलकम
श्याम शरण नेगी ने 66 वर्ष पहले वर्ष 1951 में इतिहास बनाया था जब उन्होंने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के काल्पा में मतदान किया
किन्नौर (हिमाचल प्रदेश): श्याम शरण नेगी ने 66 वर्ष पहले वर्ष 1951 में इतिहास बनाया था जब उन्होंने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के काल्पा में मतदान किया। इसके साथ ही वह स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता बन गए। दशकों बीत गए और अब स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक 100 वर्षीय नेगी पूरे उत्साह के साथ फिर से मतदान की तैयारी कर रहे हैं। नेगी के सबसे छोटे पुत्र चंदर प्रकाश ने कहा, ‘‘ मेरे पिता नौ नवंबर को होने जा रहे राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान की तैयारी कर रहे हैं।’’ उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव या आम चुनाव में कभी भी मतदान से दूरी नहीं बनाई। जब वह मतदान करने जाते हैं तो पूरे मीडिया की नजर उन पर होती है। प्रशासन भी इस बार उनके स्वागत के लिए तैयार है।
नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रकाश ने बताया, ‘‘ मेरे पिता को आज भी वह दिन याद है, जब वह पहली दफा मतदान करने गए थे। जब भी वह मतदान करते हैं उनका उत्साह और रोमांच वैसा ही होता है।’’ चीनी, जो वर्तमान में किन्नौर का काल्पा है, में 1951 में भारी बर्फबारी की आशंका से राज्य के अन्य हिस्सों के मुकाबले पहले मतदान हुआ था। यह इलाका पूर्वी दिशा में तिब्बत से सटा है। यहीं पर नेगी ने पहली बार मतदान किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बड़े प्रशंसक नेगी ने कहा कि लोगों को अच्छे नेताओं के लिए मतदान करना चाहिए क्योंकि इससे देश को विकसित होने में मदद मिलेगी। वह याद करते हैं कि जब उन्होंने पहली बार मतदान किया था तब से समय कितना बदल गया है।
नेगी बताते हैं, ‘‘ मुझे अब भी याद है कि जब गिने चुने स्कूल ही हुआ करते थे और वहां तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब तो दूरदराज के इलाकों में भी स्कूल हैं और मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात से होती है कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है जबकि पहले लड़कियों को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था।’’ प्रकाश के मुताबिक उनके पिता खुद को ‘कुएं का मेंढक’ बताते हैं क्योंकि वह हिमाचल से केवल एक ही बार बाहर निकले हैं। तब वह हरिद्वार गए थे।
किन्नौर के उपायुक्त डॉ. नरेश कुमार लठ जो जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, उन्होंने कहा कि नेगी को मतदान करने में कोई परेशानी ना आए, उसके लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया,‘‘ काल्पा में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत किया जाएगा। परंपरागत किन्नौरी टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह के साथ उनका सम्मान किया जाएगा।’’ काल्पा के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट डॉ. अवनिंदर कुमार ने बताया कि घर से मतदान केंद्र तक लाने और मतदान के बाद उन्हें घर भेजने की पूरी व्यवस्था की जाएगी।