शिमला। खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ ने कथित तौर पर धमकी दी है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को राज्य में तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। शिमला के पत्रकारों को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर किए गए पहले से रिकॉर्ड फोन कॉल में यह धमकी दी गई।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को गुरपतवंत सिंह पानून बताया और कहा कि वह एसएफजे संगठन का वकील (जनरल काउंसल) है। उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘हम जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने देंगे।’’ उसने यह भी कहा कि यह वाशिंगटन डीसी से संगठन के वकील की ओर से कहा गया है।
उसने अंग्रेजी में कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था और हम पंजाब में जनमत संग्रह कराने की मांग करते हैं। पंजाब को आजाद करवाने के बाद हम हिमाचल प्रदेश के उन इलाकों को अपने कब्जे में लेंगे जो पंजाब का हिस्सा थे।’’ पानून ने किसानों और खालिस्तान समर्थक सिखों से भी कहा कि वे जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने दें।
हिमाचल प्रदेश में कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास भी ऐसे फोन कॉल आए हैं। पुलिस ने इस धमकी के बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिका स्थित एसएफजे अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर सिख जनमत संग्रह 2020 की मांग करता है। समूह का लक्ष्य पंजाब में ‘‘स्वतंत्र एवं संप्रभु’’ देश बनाना है। यह खालिस्तान बनाने के इरादों का खुलेआम समर्थन करता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता को चुनौती देता है।
खालिस्तानी संगठन की धमकी पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 'मैं जांच ऐजेंसी से इस बारे में बात करूंगा। जिस तरह से धमकी देने की बात कही गई वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम ऐसी बातों की परवाह नहीं करते और जहां भी तिरंगा झंडा फहराने का अवसर मिलेगा हम वहां तिरंगा झंडा फहराएंगे।'
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