शिमला: हिमाचल प्रदेश के साथ लगी तिब्बत सीमा के पास खराब मौसम के कारण बचावकर्मी खोज अभियान को शुक्रवार को फिर से शुरू करने में असमर्थ हैं जहां इस सप्ताह हुए हिमस्खलन के कारण एक सैनिक की मौत हो गई जबकि पांच अन्य लापता हो गए थे। खोज अभियान का आज तीसरा दिन है। प्रशासन ने संदेह जताया है कि बर्फ में दबे पांच सैनिकों के बचने की संभावना बहुत कम है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया, "रात भर हुई बर्फबारी के कारण आज सुबह अभियान शुरू नहीं हो सका। उम्मीद है कि मौसम साफ होने के बाद अभियान शुरू किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि अभियान गुरुवार को भी क्षेत्र में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण अधिकांश समय बंद ही रहा था। इस अभियान में सेना के जवान और राहत कर्मी शामिल हैं।
हिमस्खलन बुधवार को उस समय हुआ जब तिब्बत सीमा से सटे नामिया डोगरी के पास का ग्लेशियर खिसक गया जिसमें नियमित गश्त पर निकले जम्मू और कश्मीर राइफल्स के 16 सैनिकों में से छह बर्फ में दब गए। इस आपदा में भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) के पांच जवान भी घायल हो गए।
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि जिस समय हिमस्खलन हुआ तब सेना और आईटीबीपी की दो अलग-अलग पार्टियां नामगिया डोगरी में गश्त कर रही थीं। इस घटना में मरने वाले सैनिक की पहचान हिमाचल प्रदेश निवासी राजेश कुमार (41) के रूप में हुई है।
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