अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत लाई गई 3000 किलो हेरोइन, कीमत- ₹21 हजार करोड़
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस खेप का आयात आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत एक कंपनी ने किया था और दस्तावेजों में इसे सेमी-प्रॉसेस्ड टैल्क पत्थर बताया था। बताया जा रहा है कि यह मादक पदार्थ अफगानिस्तान से चला। जहां से उसे ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह और वहां से फिर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह भेजा गया।
भुज/नई दिल्ली. अधिकारियों ने गुजरात के कच्छ जिले में स्थित मुंद्रा बंदरगाह से दो कंटेनरों में रखी करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। भारत में एक बार में हुई हेरोइन की यह सबसे बड़ी जब्ती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 21,000 करोड़ रुपये आंकी गयी है। ऐसा समझा जाता है कि इसे अफगानिस्तान से लाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस जब्ती को लेकर धन शोधन के पहलू से जांच शुरू कर दी है और 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने वाली एजेंसी राजस्व खुफिया निदेशालय ने इस सिलसिले में आयात-निर्यात कंपनी चलाने वाले एक दंपति को चेन्नई से गिरफ्तार किया है।
बाजार में प्रति किलोग्राम कीमत 5 से 7 करोड़ रुपये
एक अधिकारी ने बताया कि जब्त हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति किलोग्राम 5 से 7 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि ईडी इस मामले का विस्तृत अध्ययन कर रहा है और धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई शुरू की गई है। एजेंसी ने इस संबंध में राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा 15 सितंबर की जब्ती के बारे में भी जानकारी मांगी है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस हेरोइन तस्करी के पीछे के लोगों या सिंडिकेट की जांच करेगी, अपराध से अर्जित धन का पता लगाएगी और जरूरत होने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क करेगी।
सेमी-प्रॉसेस्ड टैल्क पत्थर के नाम पर लाया गया भारत
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस खेप का आयात आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत एक कंपनी ने किया था और दस्तावेजों में इसे सेमी-प्रॉसेस्ड टैल्क पत्थर बताया था। बताया जा रहा है कि यह मादक पदार्थ अफगानिस्तान से चला। जहां से उसे ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह और वहां से फिर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह भेजा गया। एक अन्य सूत्र ने बताया, "कुल 2988.21 किलोग्राम हेरोइन एक कंटेनर से 1999.57 किलोग्राम और दूसरे कंटेनर से 988.64 किलोग्राम एनडीपीएस कानून के तहत जब्त की गयी है।"
दो गिरफ्तार, कुछ अफगान भी हो सकते हैं शामिल
डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने इस संबंध में अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, गुजरात के गांधीधाम और मांडवी में छापा मारा और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि डीआरआई इसमें कुछ अफगान नागरिकों के शामिल होने के पहलू की भी जांच कर रहा है। इन दोनों कंटेनरों से सामान का आयात करने वाले फर्म की पहचान आधिकारिक सूत्रों ने आशी ट्रेडिंग कंपनी के रूप में की है, जिसे कथित रूप से एम.सुधाकर और उनकी पत्नी जी.दुर्गा पूर्णा वैशाली चलाते हैं।
डीआरआई ने हाल ही में दोनों को चेन्नई से गिरफ्तार किया। उन्हें गुजरात के भुज लाया यया और एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने दोनों को 10 दिनों के लिए डीआरआई की हिरासत में भेज दिया है।
जांच जारी
विजयवाड़ा पुलिस ने एक बयान में कहा, "विजयवाड़ा में स्थित मकान के पते का उपयोग करके (पत्नी द्वारा आयात-निर्यात का) लाइसेंस लिए जाने के अलावा अभी तक कोई अन्य गतिविधि सामने नहीं आयी है। हालांकि, आगे की जांच जारी है।" पुलिस आयुक्त बी.श्रीनिवासुलू ने भाषा को बताया कि उनकी टीमों ने "विस्तृत जांच की है और अभी तक विजयवाड़ा स्थित मकान के पते का उपयोग (लाइसेंस लेने के लिए) किए जाने के अलावा अन्य कोई गतिविधि सामने नहीं आयी है।"
अफगानिस्तान से मादक पदार्थ आने का मिला था इनपुट
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कंटेनरों में अफगानिस्तान से मादक पदार्थ आने के संबंध में पुष्ट सूचना मिलने के बाद डीआरआई के अधिकारियों ने दोनों कंटेनरों को जब्त किया और नमूनों को जांच के लिए भेजा। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक विश्लेषण में जब्त सामग्री के हेरोइन होने की पुष्टि हुई। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मादक पदार्थ की जब्ती को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और सरकार की नाक के नीचे देश में कितने ड्रग्स सिंडिकेट चल रहे हैं।
कांग्रेस बोली- मामला गंभीर
कांग्रेस प्रवक्ता प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, "पिछले सप्ताह गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे अधिक मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किया गया। 3,000 किलोग्राम हेरोइन अफगानिस्तान से भारत में भेजी गई थी। ये बहुत ज्यादा गंभीर मामला बनता है। यह भारत के नौजवानों को बर्बाद करने की साजिश है। यही नहीं, इससे मिले पैसे का उपयोग करके भारत में ही आतंकी गतिविधियों का वित्तपोषण भी किया जाता है।"
अडाणी के बहाने भाजपा पर हमला?
कांग्रेस नेता के मुताबिक, "सबको पता है कि इस बंदरगाह का स्वामित्व अडाणी समूह के पास है।" उन्होंने सवाल किया, "आखिर क्या कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में मादक पदार्थों यानी ड्रग्स की तस्करी करने वालों का सबसे प्रिय रास्ता वह गुजरात हो गया है, जो देश का गौरव है? पिछले 18 महीने में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कोई पूर्णकालिक महानिदेशक क्यों नहीं बनाया गया?"
गृहमंत्री चुप क्यों- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, "मुंबई में फिल्म से जुड़े किसी व्यक्ति के पास दो ग्राम ड्रग्स मिल जाए तो देश के सभी मुद्दों को दरकिनार कर मीडिया में बहस होती है, लेकिन 3000 किलोग्राम ड्रग्स को लेकर खामोशी है।" खेड़ा ने सवाल किया, "आखिर क्या कारण है कि प्रधानमंत्री, जो कि गुजरात से आते हैं, वो भी चुप हैं? गृहमंत्री जो कि गुजरात से आते हैं, वो भी चुप हैं? आला अधिकारी भी चुप क्यों हैं?" उन्होंने दावा किया कि इतने बड़े पैमाने पर तस्करी का काम किसी गिरोह के जरिये ही सकता है, लेकिन सरकार ऐसे गिरोह के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं कर पाई है।