भारत की सहायता के लिए पूरी दुनिया ने बढ़ाया हाथ, जानिए कौन सा देश कर रहा क्या मदद
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने कहा कि ईयू भारत के लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है।
नई दिल्ली। कोविड-19 के मामलों में ताजा उछाल से जूझ रहे भारत को तत्काल सहायता के लिए दुनियाभर के देशों ने मदद के रूप में अपना हाथ आगे बढ़ाया है। ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के रूप में अपनी मदद भारत को भेजेगा। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन समाचार चैनल ने स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट के हवाले से कहा कि संघीय सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि वह मदद के लिए क्या भेज सकती है। संघीय स्वास्थ्य मंत्री हंट ने कहा कि भारत वास्तव में ऑक्सीजन की समस्या से जूझ रहा है। हम राष्ट्रीय चिकित्सा भंडार से मदद कर सकते हैं, लेकिन वे मुख्य रूप से ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में सहायता मांग रहे हैं। हम इस मामले में विशेष रूप से राज्यों के साथ बात कर रहे हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया टीके नहीं भेजेगा।
यूरोपीय संघ ने कहा कि वह कोविड-19 से लड़ने में भारत की तेजी से मदद के लिए संसाधन जुटा रहा है। इस 27 देशों के शक्तिशाली समूह के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईयू ने पहले ही अपनी नागरिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया है ताकि भारत को तत्काल ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति सहित अन्य मदद की जा सके। इस प्रणाली के तहत ईयू समूह यूरोप और इससे परे आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी समन्वय में केंद्रीय भूमिका निभाता है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने कहा कि ईयू भारत के लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है।
अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत की मदद के लिए नौकरशाही की सभी बाधाओं को खत्म करते हुए मिशन मोड में काम कर रहा है। भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर चल रही है जहां पिछले कुछ दिनों से संक्रमण के हर दिन तीन लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं और कई राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी हो गई है। अमेरिकी सरकार के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और मानव संसाधन विभाग, विदेश विभाग, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और अमेरिकी व्यापार के प्रतिनिधि भारत की जरूरतों को चिह्नित करने के साथ नौकरशाही की सभी बाधाओं को दूर कर जल्द से जल्द सभी चिकित्सकीय सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति जो बाइडन की टेलीफोन पर बातचीत के बाद प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम प्रत्येक स्तर पर भारतीय अधिकारियों के साथ करीबी संपर्क में हैं। हम अपने सहयोगियों, दोस्तों, ‘क्वाड’ के भागीदारों के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि इस समय साथ मिलकर भारत की मदद कर सकें। भारत सरकार के अनुरोध के मद्देनजर अमेरिका सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चा माल की आपूर्ति करेगा।
यूके ने घोषणा की है कि वह 495 ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर्स, 120 नॉन-इनवैसिव वेंटीलेटर्स अौर 20 मैनुअल वेंटीलेटर्स को इस हफ्ते भारत भेजेगा। इनमें से 100 वेंटीलेटर्स और 95 ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर्स 27 अप्रैल को भारत पहुंच चुके हैं। फ्रांस दो चरणों में राहत सामग्री भेजेगा। पहले चरण में आठ बड़े ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट्स, जिन्हें शीघ्रता से चालू किया जा सकता है। लिक्विड ऑक्सीजन और रेसपिरेटरी सामग्री शामिल होगी। दूसरे चरण में 5 लिक्विड ऑक्सीजन कंटेनर्स शामिल होंगे।
आयरलैंड इस हफ्ते 700 ऑक्सीजन कनटेनर्स और 700 ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर्स भेजेगा। जर्मनी ने कहा है कि वह मोबाइल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट,120 वेंटीलेटर्स, 8 करोड़ से अधिक केएन95 मास्क उपलब्ध कराएगा। सिंगापुर 500 बीआईपीएपीख्250 ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर, 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कनटेनर्स और अन्य चिकित्सा सामान उपलब्ध करवा रहा है। साऊदी अरब 80 टन लिक्विड ऑक्सीजन समुद्र के रास्ते भेज रहा है। हांगकांग 800 ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर दे रहा है। थाईलैंड ने 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक, यूएई ने 6 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कनटेनर देने की घोषणा की है।
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