भोपाल: कहते हैं एक पिता के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बोझ अपने बेटे की अर्थी को कंधा देना होता है। लेकिन, वही पिता जब अपने बेटे की अर्थी को कंधा देने के बाद समाज को कोई संदेश दे तो यह सराहनीय कदम कहा जा सकता है। ऐसा ही किया मध्य प्रदेश के सागर जिले के तेजगढ़ निवासी शिक्षक महेंद्र दीक्षित ने, जिनके बेटे विभांशु उर्फ लकी दीक्षित की 21 नवंबर को पुल के पास बाइक के सामने भैंस आने की वजह से दुर्घटना होने के बाद मौत हो गई। विभांशु ने एक्सीडेंट के समय हेलमेट नहीं लगाया था।
भैंस से टकराने के बाद विभांशु पुल पर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। हेलमेट ना पहनने के चलते विभांशु के सर में गंभीर चोट आई और उसकी जान चली गई। बेटे की मौत पर आंसू बहाने के बाद विभांशु के पिता महेश दीक्षित को लगा कि उनका बेटा तो चला गया लेकिन अभी भी अपने बेटे की मौत के जरिए समाज को वह संदेश दे सकते हैं कि हेलमेट पहनना कितना जरूरी है। इसीलिए, उन्होंने बेटे की त्रयो दशी संस्कार में आए लोगों को हेलमेट भेंट कर सुरक्षित चलने की अपील की और हेलमेट पहनकर बाइक चलाने का संकल्प भी दिलाया।
मंगलवार को विभांशु का त्रयोदशी संस्कार था। उनके पिता के दिल में अभी वही बात थी कि यदि उनका बेटा हेलमेट पहने होता तो जीवित होता, उनके सामने होता। लेकिन, जब वह नहीं है तो समाज को संदेश देने के लिए उन्होंने 51 युवाओं को हेलमेट दिया और उसे पहनकर बाइक चलाने का संदेश दिया।
विभांशु के पिता महेश दीक्षित और उनकी माता ज्योति दीक्षित दोनों शिक्षक है। दोनों ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि लकी उनका बड़ा बेटा था, जिसकी असमय मृत्यु से उनके पूरे परिवार को गहरा धक्का लगा है इसलिए भगवान से प्रार्थना करते हैं कि किसी भी माता-पिता के साथ ऐसी दुर्घटना ना घटे, इसलिए सभी बाइक चलाते हुए हेलमेट पहने।
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