नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे को लेकर उच्चतम न्यायालय फिर से सुनावाई के लिए दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फैसला लेने के लिए बुधवार को न्यायालय में बहस के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह याचिका चोरी किए हुए दस्तावेजों पर आधारित है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल विमान सौदे को लेकर अखबार में छपी खबर न्यायालय की सुनवाई को प्रभावित करने के समान है जो अपने आप में न्यायालय की अवमानना है।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने राफेल सौदे पर जिन दस्तावेजों का भरोसा किया है वे गोपनीय हैं और यह आधिकारिक गोपनीयता कानून का उलंघन है। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण जिन दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं। न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल से जब पूछा कि राफेल विमान सौदे से जुड़े दस्तावेजों के चोरी होने पर क्या कार्रवाई की गई तो अटॉर्नी जनरल ने कहा कि दस्तावेजों के चोरी होने के मामले की जांच चल रही है।
संजय सिंह के ऊपर कार्रवाई पर विचार कर सकता है कोर्ट
इस मामले में एक याचिका राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने डाली थी। सुनवाई के दौरान उनकी बारी आने पर कोर्ट ने उनके बयानों पर कड़ा ऐतराज जताया और उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई पर भी विचार किया जा सकता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे पास संजय सिंह के कई बयान हैं जो कि उन्होंने राफेल मामले और सीबीआई केस में फैसले के बाद दिए थे। उन्होंने कहा कि हम संजय सिंह के रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई नहीं करेंगे और उनका क्या करना है इस पर भी सोचेंगे।
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