नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में घट रहे कोरोना मामलों को देखते हुए सोमवार कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर अपनी गाइडलाइन में बदलाव किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना इलाज के लिए जारी की गई नई गाइडलाइंस में कई दवा पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना उपचार में दी जाने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, जिंक, मल्टीविटामिन समेत अन्य दवाओं पर रोक लगा दी है। साथ ही लोगों से पौष्टिक आहार लेने की भी अपील की है।
नई गाइडलाइंस में कोविड के इलाज के लिए भाप लेने का भी जिक्र नहीं है। हालांकि, गाइडलाइंस में कोविड संक्रमित मरीजों को 6 मिनट वॉक टेस्ट करने का सुझाव दिया गया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) ने नई गाइडलाइंस के तहत एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं सभी दवाओं को लिस्ट से हटा दिया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसे संक्रमितों को दूसरे टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं है।
डीजीएचएस ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए नई संशोधित गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत अब कोरोना मरीजों के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टीविटामिन समेत अन्य दवाओं को बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों को बुखार होने पर सिर्फ एंटीपाइरेटिक और जुखाम होने पर एंटीट्यूसिव दी जाएगी। इसके अलावा गाइडलाइन में साफ किया गया कि बिना ठोस वजह के किसी को भी सीटी स्कैन करवाने के लिए ना भेजा जाए, क्योंकि इसके कुछ नाकारात्मक असर भी पड़ते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के मुताबिक, जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते या हल्के लक्षण हैं, उन्हें किसी तरह की दवाइयां लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, दूसरी बीमारियों की जो दवाएं चल रही हैं, उन्हें जारी रखना चाहिए। साथ ही मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी कोरोना नियमों का पालन करना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह से नहीं टला है, जिस वजह से सभी को मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसके अलावा पौष्टिक आहार पर भी जोर दिया गया है, ताकि इम्यून सिस्टम को मजबूत कर कम दवाओं का सेवन कर मरीज ठीक हो सकें।
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